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बच्चों के हाथ में रहता है हमेशा फोन? तो सिखाएं ये सेफ्टी टिप्स

आजकल के डिजिटल युग में बच्चों के पास स्मार्टफोन होना एक आम बात है। फोन न केवल बच्चों के लिए मनोरंजन का साधन बन चुका है, बल्कि शिक्षा और सोशल कनेक्टिविटी का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन जब बच्चों के हाथ में फोन हो, तो यह जरूरी है कि हम उन्हें सुरक्षित तरीके से इसका इस्तेमाल करना सिखाएं। क्योंकि अनजाने में इंटरनेट और फोन का गलत इस्तेमाल उनकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। आइए जानते हैं बच्चों को स्मार्टफोन यूज़ करते समय क्या सेफ्टी टिप्स देना चाहिए:

1. पासवर्ड और स्क्रीन लॉक लगाना सिखाएं
सबसे पहले, बच्चों को यह सिखाएं कि वे अपने फोन पर पासवर्ड या पिन कोड लगाएं। इससे उनका फोन सुरक्षित रहेगा और अनजान लोग या दोस्तों के द्वारा उनके फोन का गलत उपयोग नहीं किया जा सकेगा।

क्या करें:
बच्चों को पासवर्ड, पिन या बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट) लॉक सेट करने के लिए प्रोत्साहित करें।
साथ ही, उन्हें यह समझाएं कि उनका फोन उनकी निजी जानकारी से जुड़ा होता है, इसलिए इसकी सुरक्षा जरूरी है।

2. सोशल मीडिया का उपयोग जिम्मेदारी से सिखाएं
सोशल मीडिया पर बच्चों का समय बढ़ने से उनके व्यक्तिगत डेटा और गोपनीयता से संबंधित खतरे बढ़ सकते हैं। बच्चों को यह समझाना बहुत ज़रूरी है कि सोशल मीडिया पर क्या साझा करना सुरक्षित है और क्या नहीं।

क्या करें:
बच्चों को यह समझाएं कि निजी जानकारी (जैसे पता, स्कूल का नाम, फोन नंबर) कभी भी सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए।
उन्हें यह सिखाएं कि अनजाने लोगों से दोस्ती करना और उनसे चैट करना खतरनाक हो सकता है।
उन्हें बताएं कि किसी भी संदिग्ध लिंक या संदेश को कभी भी न खोलें।

3. स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करें
बच्चों के लिए अत्यधिक स्क्रीन टाइम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसका असर उनकी नींद, शारीरिक गतिविधि और सामाजिक जीवन पर पड़ सकता है। इसलिए, बच्चों के फोन पर स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करना बहुत महत्वपूर्ण है।

क्या करें:
बच्चों के लिए एक समय सीमा तय करें, जैसे कि दिन में 1-2 घंटे से ज्यादा स्क्रीन पर समय न बिताएं।
उन्हें बाहरी खेल या अन्य गतिविधियों में भी समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें।

4. बच्चों को साइबर बुलिंग के बारे में समझाएं
आजकल सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर साइबर बुलिंग का खतरा बढ़ गया है। बच्चों को यह सिखाना बहुत जरूरी है कि अगर वे ऑनलाइन कोई भी उत्पीड़न या दुर्व्यवहार महसूस करें, तो वे तुरंत अपने माता-पिता या किसी विश्वसनीय व्यक्ति से बात करें।

क्या करें:
बच्चों को यह सिखाएं कि ऑनलाइन कोई भी व्यक्ति उन्हें परेशान करता है, तो वह उसे अनफ्रेंड या ब्लॉक कर सकते हैं।
बच्चों को यह भी बताएं कि अगर उन्हें धमकियां मिलती हैं या उन्हें साइबर बुलिंग का सामना करना पड़ता है, तो वे बिना झिझक के इसके बारे में बताएं।

5. गोपनीयता की सुरक्षा पर ध्यान दें
बच्चों को यह समझाना चाहिए कि उनकी ऑनलाइन गतिविधियाँ और डेटा बहुत महत्वपूर्ण हैं। व्यक्तिगत जानकारी और लोकेशन को साझा करना खतरे का कारण बन सकता है।

क्या करें:
बच्चों को यह सिखाएं कि लोकेशन ट्रैकिंग को हमेशा बंद रखें, जब तक यह जरूरी न हो।
सोशल मीडिया पर अपने स्थान (location) या छुट्टियों के समय को साझा न करें।
एप्लिकेशन के लिए प्राइवेसी सेटिंग्स चेक करें और उन्हें सूचित करें कि अपने निजी डेटा को सुरक्षित रखें।

6. डाउनलोड किए जाने वाले एप्स पर नजर रखें
बच्चों के द्वारा डाउनलोड किए जाने वाले एप्स की सुरक्षा पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। कई बार, बच्चों द्वारा डाउनलोड किए गए ऐप्स में सुरक्षा खामियां हो सकती हैं या वे बच्चों के लिए अनुकूल नहीं हो सकते।

क्या करें:
बच्चों को केवल ऐप्स डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करें जो उनके लिए उपयुक्त और सुरक्षित हों।
माता-पिता को बच्चों के फोन में ऐप्स की अनुमतियों और सेटिंग्स को नियमित रूप से चेक करना चाहिए।

7. ऐप्स के इन-ऐप पर्चेज से बचने की सलाह दें
कई बार बच्चे बिना समझे-बुझे ऐप्स में इन-ऐप पर्चेज कर लेते हैं, जो पैसे का नुकसान कर सकते हैं। इसलिए, बच्चों को इस बारे में जागरूक करना बेहद जरूरी है।

क्या करें:
बच्चों को यह बताएं कि इन-ऐप पर्चेज के बारे में सख्त नीतियां हैं और वे इसे बिना माता-पिता की अनुमति के नहीं कर सकते।
ऐप्स की सेटिंग्स में जाकर इन-ऐप पर्चेज को बंद कर दें, ताकि बच्चों को इस प्रकार की दिक्कत न हो।

8. बच्चों को इंटरनेट सुरक्षा के बारे में बताएं
इंटरनेट पर बच्चे अक्सर कई नए और अनजान वेबसाइट्स या कंटेंट का सामना करते हैं। बच्चों को यह सिखाना जरूरी है कि वे केवल सुरक्षित वेबसाइट्स पर जाएं और संदिग्ध लिंक से दूर रहें।

क्या करें:
बच्चों को यह बताएं कि वे केवल विश्वसनीय वेबसाइट्स का ही उपयोग करें।
साइबर सुरक्षा के बारे में बच्चों को शिक्षा दें, जैसे पासवर्ड मजबूत रखना, किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी सत्यता जांचना आदि।

जब बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन हो, तो उनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना बेहद जरूरी है। स्मार्टफोन का सही और सुरक्षित तरीके से उपयोग करने के लिए उन्हें सही दिशा दिखाना माता-पिता का कर्तव्य है। बच्चों को गोपनीयता, ऑनलाइन सुरक्षा और जिम्मेदारी से फोन इस्तेमाल करने की आदत डालकर हम उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं।