गर्मियों की शुरुआत के साथ ही देश के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी का असर शुरू हो चुका है। उत्तरी मैदानों से लेकर पश्चिमी रेगिस्तानों तक, बढ़ते तापमान ने लोगों की दिनचर्या को मुश्किल बना दिया है। ऐसे में लोग लंबे समय तक भीषण गर्मी के लिए तैयार हैं। राजस्थान के जयपुर में लोग चिलचिलाती धूप से बचने के लिए अपने सिर को ढककर सावधानी बरत रहे हैं। स्थानीय मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार तापमान सामान्य से पांच से सात डिग्री सेल्सियस ज्यादा है।
इस बीच, बीकानेर में अधिकारियों ने छाया करने के लिए प्रमुख यातायात बिंदुओं पर टेंट लगाए हैं। सड़कों पर पानी छिड़कने के लिए दमकल गाड़ियों को तैनात किया गया है, जिससे चिलचिलाती गर्मी से जूझ रहे यात्रियों को कुछ राहत मिली है। हरियाणा के अंबाला में अप्रैल के बढ़ते तापमान का सामना कर रहे लोग खुद को ठंडा रखने और गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए सड़क किनारे बिकने वाले गन्ने और फलों के जूस की ओर रुख कर रहे।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भीषण गर्मी के कारण गंगा नदी का जलस्तर काफी कम हो गया है, जिससे कई जगहों पर नदी का तल दिखने लगा है। इससे स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ गई है। भुवनेश्वर में भीषण गर्मी के कारण लोग धूप में निकलने के लिए छाते का सहारा ले रहे हैं। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल लू जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन ओडिशा के कई इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया है।
उत्तराखंड के हरिद्वार में भी तापमान में वृद्धि देखी गई, जहां श्रद्धालुओं ने गर्मी से राहत पाने के लिए गंगा नदी में डुबकी लगाई। कुछ लोगों ने गर्मी से राहत पाने के लिए खीरे और ठंडे पेय का सहारा लिया। देहरादून स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ने बताया कि फिलहाल में तापमान ज्यादा है, लेकिन उत्तराखंड में लू की कोई चेतावनी नहीं है।
मणिपुर के इंफाल में आम लोग और स्ट्रीट वेंडर चिलचिलाती धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल कर रहे हैं। तापमान में लगातार इजाफे के बीच कई लोग आइसक्रीम खाकर खुद को ठंडा रखने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, आईएमडी अधिकारियों का कहना है कि राज्य में अभी लू की कोई चेतावनी नहीं है। अप्रैल में देश के कई हिस्सों में पड़ रही सामान्य से अधिक गर्मी और तापमान बढ़ने की आशंका को देखते हुए लोगों से जरूरी सावधानी बरतने को कहा जा रहा है।