आतंकवादी हमले के विरोध में पर्यटन स्थल पहलगाम गुरुवार को भी बंद रहा। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। सड़कें सुनसान दिखीं। दुकानें और दूसरे व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे।
पहलगाम के होटल व्यवसायियों ने आतंकवादी हमले पर दुख और अपनी नाराजगी जताई है। उन्हें उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर का पर्यटन उद्योग जल्द ही फिर से पटरी पर आ जाएगा। अनंतनाग जिले में पहलगाम के करीब बैसरन में हुए आतंकी हमले के बाद बुधवार को बड़ी तादाद में पर्यटकों ने कश्मीर छोड़ना शुरू कर दिया।
श्रीनगर के होटल कारोबारियों ने भी बड़े पैमाने पर बुकिंग रद्द होने की जानकारी दी है। उनके मुताबिक पर्यटक डरे हुए हैं जिसकी वजह से होटल अब खाली होने लगे हैं। आमतौर पर श्रीनगर की जिस बुलेवार्ड रोड पर चहल-पहल दिखती थी, वो अब सुनसान दिख रही है। होटल मालिकों का कहना है कि कई पर्यटक तुरंत वापसी नहीं करना चाहते। इसने उनकी उम्मीदों को बढ़ाया है।
ट्रैवल ऑपरेटरों ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद से जम्मू कश्मीर के लिए अपनी फ्लाइट बुकिंग रद्द कराने वालों की संख्या में छह से सात गुना बढ़ोतरी हुई है। पर्यटन क्षेत्र जम्मू कश्मीर के सकल घरेलू उत्पाद का सात से आठ फीसदी हिस्सा है। ये लगभग ढाई लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है।