Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के बलहामा की रहने वाली 19 साल की सानिया ज़ेहरा ने मधुमक्खी पालन के अपने जुनून को कारोबार में बदल दिया है। सानिया कश्मीर के सबसे सफल युवा मधुमक्खी पालकों में से एक हैं। वैसे तो पंपोर केसर की खेती के लिए जाना जाता है लेकिन सानिया का परिवार कई सालों से मधुमक्खी पालन का काम कर रहा है।
सानिया ने मेडिकल करियर को छोड़कर मधुमक्खी पालन का काम अपनाने का फैसला किया। सानिया ने ऐसा करके अपनी पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाया है। सानिया अपनी कामयाबी का श्रेय अपने पिता को देती हैं जिनके पास मधुमक्खी पालन का कई सालों का तजुर्बा है
कश्मीरी शहद को बहुत अच्छा माना जाता है। इसका इस्तेमाल सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। सानिया ज़ेहरा के मुताबिक उनके यहां बनने वाले शहद के काफी ग्राहक हैं। मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन का पूरी तरह से ख्याल रखती हैं। सानिया बताती हैं कि ग्राहकों को उनके शहद पर पूरा भरोसा है। सानिया के मुताबिक उनका शहद स्वाद और शुद्धता दोनों में सबसे अलग है।