Kolkata: सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी पीजी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच बहुत ही गंभीरता के साथ जारी है। सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के सामने एजेंसी की पांचवीं स्टेटस रिपोर्ट पेश की।
मेहता ने पीठ से कहा, "मामले में बेहद गंभीरता से जांच जारी है। मामले में आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सात अक्टूबर को चार्जशीट दायर की गई थी और सियालदह अदालत ने संज्ञान लिया है।" सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि एजेंसी जांच के हिस्से के रूप में और भी लोगों की भूमिका की जांच कर रही है।
कोर्ट ने सीबीआई से तीन हफ्ते के अंदर एक और स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा पर सिफारिशें करने के लिए गठित नेशनल टास्क फोर्स (एनटीएफ) के मुद्दे पर अदालत ने कहा कि सितंबर के पहले हफ्ते से इसकी कोई बैठक नहीं हुई है।
अदालत ने केंद्र को ये सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया कि काम समय के अदंर पूरा हो जाए। पीठ ने तीन हफ्ते के अंदर डॉक्टरों की सुरक्षा पर सिफारिशें तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा, "एनटीएफ की बैठकें समय-समय पर होनी चाहिए। सभी को नियमित बैठकें करनी चाहिए।"
कोर्ट ने 30 सितंबर को पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से सीसीटीवी लगाए जाने और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शौचालयों के साथ रेस्ट रूमों के निर्माण में धीमी प्रगति पर असंतोष जताया था और राज्य सरकार को इस काम को 15 अक्टूबर तक पूरा करने का निर्देश दिया था।
अदालत ने 17 सितंबर को कहा था कि वो बलात्कार-हत्या मामले में सीबीआई की तरफ से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में दिए गए निष्कर्षों से परेशान है, लेकिन और ज्यादा जानकारी देने से इनकार करते हुए कहा था कि किसी भी खुलासे से जांच खतरे में पड़ सकती है।
कोर्ट ने नौ सितंबर को संबंधित मामले में पेश रिकॉर्ड से ‘‘चालान’’ की गैर-मौजूदगी पर चिंता जताई थी और पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। ये ‘‘चालान’’ ट्रेनी महिला डॉक्टर के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे जाने से जुड़ा अहम दस्तावेज था।