भारतीय महिला हॉकी टीम पूरे साल प्रमुख टूर्नामेंट में जीत के लिए तरसती रही है। अब टीम के सामने घरेलू मैदान पर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी यानी एसीटी खिताब बचाने की चुनौती है। इसके साथ ही टीम नए ओलंपिक साइकिल में नई शुरुआत करना चाहेगी। भारतीय अभियान की शुरुआत सोमवार को निचली रैंकिंग वाले मलेशिया के साथ मैच से होगी।
अब तक टूर्नामेंट के सात संस्करण हुए हैं। इनमें भारत ने दो बार- 2016 में सिंगापुर में और 2023 में रांची में खिताब जीता है।
पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहने के बाद भारतीय टीम इस साल महिला एफआईएच प्रो लीग में 16 में से 13 मैच हारी और सिर्फ दो जीती, जबकी एक मैच ड्रॉ हुआ। हालांकि अब एसीटी में टीम को मजबूत खेल के साथ तकदीर बदलने की उम्मीद होगी। भारतीय टीम में सलीमा टेटे के नेतृत्व में युवाओं और अनुभवी खिलाड़ियों की मिलीजुली टीम होगी। भारत के लिए उम्मीदों भरे टूर्नामेंट में स्ट्राइकर नवनीत कौर सलीमा की डिप्टी होंगी।
टूर्नामेंट में भारतीय टीम को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। टीम को मौजूदा ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट चीन के अलावा जापान, कोरिया, मलेशिया और थाईलैंड से जूझना होगा।