देश में एंटी-एजिंग दवाओं के इस्तेमाल को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। त्वचा और स्वास्थ्य विशेषज्ञ एंटी-एजिंग दवाओं से जुड़े संभावित जोखिमों का जिक्र कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर की देखरेख में और सिर्फ स्वस्थ व्यक्तियों को ही करना चाहिए।
इंडियन जर्नल ऑफ प्लास्टिक सर्जरी में 2008 में प्रकाशित एक अध्ययन में एंटी-एजिंग दवाओं को चिकित्सा विज्ञान की उभरती हुई शाखा बताया गया था। ये दवाएं उम्र बढ़ने की मूल वजहों को काबू में रखती हैं और व्यक्ति को जवान बनाए रखती हैं।
एंटी-एजिंग दवाएं, हमारे शरीर में कोलेजन उत्पादन को बढ़ाने, चेहरे की मांसपेशियों को टाइट रखने या त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करती हैं। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर इस तरह की दवाओं का इस्तेमाल दूसरी दवाओं के साथ किया जाता है, तो वो हानिकारक हो सकता है।
बेशक एंटी-एजिंग दवाएं उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमा करती हैं, फिर भी विशेषज्ञों की सलाह है कि संभावित दुष्प्रभावों को देखते हुए इसके सुरक्षित और असरदार इस्तेमाल के लिए डॉक्टरों की सलाह जरूर लें।