महाराष्ट्र बैंक शाखा जौलखेड़ा में हुए गबन को लेकर चर्चित मामले में आज मुलताई अपर सत्र न्यायालय में फैसला सुनाया गया जिसमें आरोपियों पर आरोप तय करते हुए न्यायालय ने सजा सुनाई है। जिसमें गबन के मास्टर माइंड आरोपी अभिषेक रत्नम पर 10 साल की सजा और 80 लाख रुपए का जुर्माना लगा है।
जबकि सह आरोपियों को 7-7 साल की सजा और 7-7 लाख रुपए का जुर्माना किया है। मुलताई ब्लॉक की ग्राम पंचायत जौलखेड़ा में स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा में गबन करने वाले मास्टर माइंड आरोपी अभिषेक रत्नम को मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश ने 10 साल की सजा और 80 लाख रुपए के जुर्माना से दंडित किया है। इसी मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय ओझा, बैंक कर्मी धनराज और लखन को भी 7-7 साल की सजा और 7-7 लाख रुपए के जुर्माना से दंडित किया गया है।
एजीपी राजेश साबले ने बताया कि प्रकरण की विवेचना के दौरान शाखा में पदस्थ रहे कैशियर दीनानाथ राठौर की मौत हो गई थी। मामला साल 2013 का है। मास्टर माइंड आरोपी अभिषेक रत्नम ने बैंक अधिकारियों के पासवर्ड का उपयोग कर गबन किया था। गौरतलब है कि उस दौरान पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय ओझा भी इसी बैंक में पदस्थ थे।