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पत्नी के ईसाई धर्म अपनाने की वेंस की उम्मीद पर छिड़ी बहस

वाशिंगटन, आठ नवंबर (एपी) अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने पिछले दिनों एक संस्थान में अपने संबोधन में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी हिंदू पत्नी किसी दिन ईसाई धर्म अपना लेंगी। इस तरह उन्होंने अंतरधार्मिक जोड़ों के सामने आने वाली बेहद संवेदनशील चुनौतियों को उजागर किया और इस पर बहस छिड़ गई।

धार्मिक आस्थाओं के बारे में जानकारी साझा नहीं करने वाले सैकड़ों ऐसे जोड़ों को परामर्श देने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि एक-दूसरे की धार्मिक परंपराओं का सम्मान करना और अपने बच्चों की परवरिश के बारे में ईमानदारी से बातचीत करना ही सबसे जरूरी है।

ज्यादातर विशेषज्ञ इस बात से सहमत हैं कि दूसरे पर दबाव डालना या यहां तक कि धर्म परिवर्तन की उम्मीद करना भी रिश्ते के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है, खासकर सार्वजनिक जीवन में किसी जोड़े के लिए ऐसा होता है।

‘बीइंग बोथ: एम्ब्रेसिंग टू रिलिजन्स इन वन इंटरफेथ फेमिली’ पुस्तक की लेखिका सुजैन कैट्ज मिलर ने कहा, ‘‘अपने साथी और शादी में उनके योगदान, उनकी पहचान के हर पहलू का सम्मान करना एक शादी में जरूरी ईमानदारी का एक अभिन्न अंग है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गुप्त एजेंडे रखने से आमतौर पर सफलता नहीं मिलती।’’

उषा चिलुकुरी वेंस के साथ अपनी शादी के पांच साल बाद कैथलिक धर्म अपनाने वाले वेंस ने मिसिसिपी विश्वविद्यालय में ‘टर्निंग प्वाइंट यूएसए’ कार्यक्रम में सवालों के जवाब देते हुए पत्नी के धर्म परिवर्तन की उम्मीदें साझा कीं।

वेंस ने एक सवाल पर कहा, ‘‘क्या मैं उम्मीद करुं कि अंततः वह भी चर्च में उस बात से प्रभावित होंगी, जिससे मैं प्रभावित हुआ। हां, सच कहूं तो, मैं यही चाहता हूं, क्योंकि मैं ईसाई धर्म के सिद्धांत में विश्वास करता हूं, और मुझे उम्मीद है कि अंततः मेरी पत्नी भी इसे उसी तरह देखेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करती हैं, तो ईश्वर कहते हैं कि हर किसी के पास स्वतंत्र इच्छाशक्ति होती है, और इसलिए इससे मुझे कोई समस्या नहीं है।’’

वेंस की टिप्पणियों की व्यापक आलोचना हुई। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने उपराष्ट्रपति को संबोधित एक बयान में ईसाइयों द्वारा हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करने के प्रयासों का इतिहास उद्धृत किया।

वेंस के प्रेस कार्यालय ने इस लेख पर कोई टिप्पणी नहीं की। लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर एक आलोचक से संवाद किया, जिसने उन पर अपनी पत्नी के धर्म को बदनाम करने का आरोप लगाया था।

एपी वैभव रंजन

रंजन