ढाका, आठ नवंबर (भाषा) भारत के रिकर्व तीरंदाज रविवार से शुरू हो रही सत्र की अंतिम एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप में पदकों के लंबे सूखे को खत्म करने की कोशिश करेंगे।
यह महाद्वीपीय प्रतियोगिता अगले साल जापान में होने वाले एशियाई खेलों से पहले टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण होगी।
भारत पिछले चरण में तीन स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक के साथ कोरिया (6-2-3) के बाद दूसरे स्थान पर रहा था। भारत के प्रदर्शन का श्रेय मुख्य रूप से कंपाउंड तीरंदाजों का रहा था।
पुरुष रिकर्व दल एक भी पदक नहीं जीत पाया था जिससे उनकी चिंताजनक स्थिति जारी रही। रिकर्व दल इस साल विश्व चैंपियनशिप से खाली हाथ लौटा और इस साल चार विश्व कप चरण में केवल चार पदक - तीन कांस्य, एक रजत - ही हासिल कर सके।
जिससे वे इस साल विश्व कप फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके।
दक्षिण कोरिया इस बार दूसरे दर्जे की टीम उतार रही है, ऐसे में भारतीय रिकर्व टीमें इस निराशाजनक प्रदर्शन को खत्म करने के लिए बेताब होंगी।
पुरुष रिकर्व टीम में भारत के पूर्व नंबर एक और दो बार के ओलंपियन अतनु दास की वापसी हुई है जो चयन ट्रायल में शीर्ष स्थान हासिल करके शानदार फॉर्म में हैं।
दास ने पिछली बार जून में अंताल्या विश्व कप में भाग लिया था। इससे पहले वह विश्व चैंपियनशिप में जगह बनाने से चूक गए थे।
टीमें इस प्रकार हैं :
रिकर्व :
पुरुष: धीरज बोम्मदेवरा, अतनु दास, राहुल, यशदीप भोगे
महिला : दीपिका कुमारी, अंकिता भकत, अंशिका कुमारी, संगीता।
कम्पाउंड :
पुरुष: अभिषेक वर्मा, प्रथमेश फुगे, साहिल जाधव, प्रथमेश जावकर
महिला: ज्योति सुरेखा वेन्नम, चिकिथा तनिपर्थी, पृथिका प्रदीप, दीपशिखा।
भाषा नमिता आनन्द
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