राजस्थान के अजमेर में एक पहाड़ी की चोटी से रमजान के दौरान एक अनोखी परंपरा का पालन किया जाता है। शाम को तोप दागने की आवाज सुनने के बाद शहर का मुस्लिम समुदाय इफ्तार करता है। इसके साथ ही दिन भर का रोजा खत्म हो जाता है।
तोप का गोला दागने की परंपरा सदियों पुरानी है। दिलचस्प बात है कि इस परंपरा का पालन एक महिला करती है। तोप दाग कर अजमेर के मुस्लिम समुदाय को सुबह की सहरी और शाम के इफ्तार का संदेश देने की जिम्मेदारी फौजिया खान पर है। फौजिया खान इस परंपरा का पालन करने वाले परिवार की आठवीं पीढ़ी हैं। उन्होंने पिता से तोप दागना सीखा था। अपनी कौम की सेवा के लिए इस काम से उन्हें फख्र है।
वे फौजिया तोपची के नाम से मशहूर हैं। अब वे परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए भतीजे को तोप दागना सिखाने की योजना बना रही हैं। उनके भतीजे की उम्र 10 साल है। अजमेर में रमजान के महीने में सुबह या शाम तोप दागने की आवाज सुनाई दे तो समझ जाईयेगा कि एक महिला सदियों पुरानी पारिवारिक परंपरा निभा रही है।