जनवरी 2025 से आर्थिक जनगणना शुरू होगी। दस साल बाद होने वाली गणना में लोगों की आर्थिक स्थिति कैसी है, यह जानने के लिए अलग-अलग ग्रुप में 52 कैटेगरी तैयार की गई हैं। ठेला लगाने वालों को भी उद्यम लगाने वालों की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि इन कैटेगरी में संशोधन की भी संभावना है।
दिसंबर में एक बैठक होगी, उसमें इन सभी कैटेगरी पर चर्चा की जाएगी। खेती-किसानी करने वालों से लेकर निजी कंपनी में नौकरी करने वाले और सरकारी कर्मचारियों का डेटा तैयार किया जाएगा। इसके अलावा एक लाख रुपये महीने कमाने वालों से लेकर 50 करोड़ तक आमदनी वालों का डेटा तैयार होगा।