दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री मंगलवार को कालकाजी में भूमिहीन कैंप के निवासियों के साथ उनके घरों को गिराए जाने से पहले हो रहे विरोध में शामिल हुईं। झुग्गी-झोपड़ी कैंप में घरों पर दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से बेदखली के नोटिस चिपकाए गए हैं, जिसमें अतिक्रमण करने वालों को तीन दिनों के भीतर जगह छोड़ने या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी गई है। एएपी नेता आतिशी, जिनका निर्वाचन क्षेत्र भूमिहीन कैंप से आता है, ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की आलोचना करते हुए कहा कि वो झुग्गी-झोपड़ियों को नहीं गिराने के अपने वादे से मुकर रही हैं।
उन्होंने कहा, "दो दिन पहले दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कहा था कि कोई झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी, एक भी घर को नहीं छुआ जाएगा। भूमिहीन कैंप के निवासी जिनके घर कल तोड़े जाएंगे, वे आज शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वे 'हमारे घर मत उजाड़ो' लिखी तख्तियां लेकर विरोध कर रहे थे। उन पर लाठीचार्ज किया गया और उन्हें तितर-बितर कर दिया गया और हिरासत में ले लिया गया। मैंने कई लोगों से बात की है। उन्हें बस में ले जाया जा रहा है और कोई हमें नहीं बता रहा है कि उन्हें कहां ले जाया जाएगा। एक तरफ आप उनके घर तोड़ते हैं और फिर आप उनकी आवाज उठाने के अधिकार को छीन लेते हैं।"
निवासियों का दावा है कि उनके पास 2008 से ही वोटर आईडी, पैन कार्ड, आधार कार्ड है और फिर भी उन्हें कोई वैकल्पिक घर नहीं दिया जा रहा है। मीना ने कहा, "मेरे पास 2008 से ही वोटर आईडी, पैन कार्ड और आधार कार्ड है और बिजली और गैस बिल भी हैं। मैं यहीं पैदा हुई हूं। मुझे घर सिर्फ इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि मेरे पास राशन कार्ड नहीं है।"
दिल्ली में 40 साल से रह रही सत्यवती ने कहा, "...वो (सीएम) वोट मांगने आईं, रेखा गुप्ता ने हमारा वोट लिया। अगर हमें कानूनी तौर पर वोट देने की अनुमति थी, तो अचानक हमारे घर अवैध कैसे हो गए? 40 साल से मैं यहां रह रही हूं। मेरे पास सभी दस्तावेज हैं। तो मुझे फ्लैट क्यों नहीं दिया गया?"