हिमाचल प्रदेश में अब विधायकों को पार्टी बदलने का निर्णय लेना आसान नहीं होगा. विधानसभा में एक विधेयक पेश किया गया है, जिसमें दल-बदल विरोधी कानून के तहत. अयोग्य ठहराए गए विधायकों की पेंशन रोकने का प्रस्ताव रखा गया है. इस विधेयक के दायरे में इस साल कांग्रेस से बागी होने वाले छह विधायक भी आएंगे, जिन्होंन सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था और पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) संशोधन विधेयक, 2024 सदन में रखा. राज्य सरकार विधानसभा सदस्यों के भत्ते और पेंशन से जुड़े 1971 के अधिनियम में संशोधन ला रही है. इसका मकसद लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण के साथ दल बदल को हतोत्साहित करना है.नए विधेयक के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी भी समय संविधान की दसवीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के अंतर्गत अयोग्य घोषित कर दिया गया हो तो वो अधिनियम के अंतर्गत पेंशन का हकदार नहीं होगा.