मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार 250 साल पुराने लंगथाबल महल का जीर्णोद्धार करेगी। ये उस वक्त मणिपुर साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी उन्होंने कहा कि इस महल के कायाकल्प के लिए 25 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
इस महल में मणिपुर के महाराजा गंभीर सिंह की 1834 में मृत्यु हुई थी। इंफाल पश्चिम जिले में लंगथाबल महल का एक हिस्सा ब्रिटिश काल से ही असम राइफल्स के कब्जे में है। फोर्स को दूसरी जगह ट्रांसफर किया जाएगा। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने ये घोषणा गुरुवार को महाराजा गंभीर सिंह की पुण्यतिथि के लिए आयोजित कार्यक्रम में की।
लंगथाबल महल इंफाल के दक्षिण में एक पहाड़ी पर है। उसके साथ लगी सड़क म्यांमार की ओर जाती है। म्यांमार को पहले बर्मा नाम से जाना जाता था। ये 1779 से 1796 ई. तक महाराजा भाग्यचंद्र के शासनकाल में मणिपुर साम्राज्य की राजधानी थी।
महाराजा गंभीर सिंह के पिता भाग्यचंद्र सिंह थे। वे एंग्लो-बर्मी युद्ध के बाद बर्मा के कब्जे से मणिपुर को आजाद करने के बाद 1827 में महल में स्थानांतरित हो गए थे। ये महल 1844 तक मणिपुर की राजधानी के रूप में कार्य करता था।