भारत ने शुक्रवार को हल्के टैंक 'जोरावर' का शुरुआती ऑटोमोटिव परीक्षण किया। इसे चीन के साथ सीमा पर सेना की ताकत बढ़ाने के लिए बनाया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि टैंक ने रेगिस्तान समेत कई जगहों पर शानदार प्रदर्शन किया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और एलएंडटी डिफेंस की तरफ ने मिल कर 25 टन वजनी टैंक को बना रहे हैं, जिसे हवा के रास्ते कहीं पर भी ले जाया जा सके।
इसे मुख्य रूप से चीन के साथ सीमा पर तुरंत तैनाती के लिए तैयार किया जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय हल्के टैंक के सफल ट्रायल को अहम डिफेंस सिस्टम और तकनीक में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर बताया।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, "डीआरडीओ ने 13 सितंबर को भारतीय हल्के टैंक जोरावर का शुरुआती ऑटोमोटिव ट्रायल किया, जिसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात किया जा सकेगा।" मंत्रालय ने बताया कि भारतीय सेना 350 से ज्यादा हल्के टैंकों की तैनाती पर विचार कर रही है, जिनमें से ज्यादातर को पहाड़ी सीमावर्ती इलाकों में तैनात किए जाएंगे।