सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित हिंदू पक्ष के 18 मामलों की विचारणीयता को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट के खारिज किए जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर नौ दिसंबर को सुनवाई करेगा।
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कहा कि वे नौ दिसंबर को दोपहर दो बजे याचिका पर विस्तृत सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस ने कहा, ‘‘इस पर विस्तार से सुनवाई होगी। हम इस पर नौ दिसंबर को दोपहर दो बजे विचार करेंगे... हमें ये तय करना है कि कानूनी हालात क्या है।’’
पीठ की ओर से चीफ जस्टिस ने कहा कि उन्हें प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि हाई कोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ के एक अगस्त के आदेश के खिलाफ अंतर-न्यायालयीय अपील की जा सकती है। पीठ ने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से आपको बहस करने का अवसर देंगे।’’
हाई कोर्ट ने एक अगस्त को मथुरा में मंदिर-मस्जिद विवाद से संबंधित 18 मामलों की स्थिरता को चुनौती देने वाली प्रबंधन समिति, ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह की याचिका को खारिज कर दिया और फैसला सुनाया कि शाही ईदगाह के ‘‘धार्मिक चरित्र’’ को निर्धारित करने की जरूरत है। मस्जिद समिति का तर्क था कि कृष्ण जन्मभूमि मंदिर और उससे सटी मस्जिद के विवाद से संबंधित हिंदू पक्षकारों के दायर मुकदमे पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम का उल्लंघन करते हैं और इसलिए वे स्वीकार्य नहीं हैं।
संसद से पारित 1991 का अधिनियम देश की आजादी के दिन से किसी भी धार्मिक स्थल के धार्मिक चरित्र को बदलने पर रोक लगाता है। इसने सिर्फ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को इसके दायरे से बाहर रखा था। मथुरा में हिंदू पक्ष के दायर मामलों में औरंगजेब के समय की मस्जिद को ‘‘हटाने’’ की अपील की गई है।