हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का यह कहना कि आज से पहले भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने हिसाब नहीं रखा, बिल्कुल झूठ है।
उन्होंने कहा कि एक-एक बूंद पानी का हिसाब बीबीएमबी के साथ-साथ राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा की सरकारों के पास हर समय होता है। सीएम मान ने बीजेपी पर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के जरिए से पंजाब सरकार पर हरियाणा की मांग को पूरा करने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य ने मार्च में ही अपना पानी खत्म कर लिया है। हरियाणा के सीएम सैनी ने 27 अप्रैल को मान को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि उनके पत्र का जवाब देने के बजाय पंजाब के सीएम ने एक वीडियो जारी किया और तथ्यों की अनदेखी करके लोगों को गुमराह करने की कोशिश की।
सीएम सैनी ने कहा कि 26 अप्रैल को उन्होंने मान को फोन पर बताया कि पंजाब के अधिकारी 23 अप्रैल को बीबीएमबी की तकनीकी समिति द्वारा हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को पानी छोड़ने के लिए लिए गए निर्णय को लागू करने में अनिच्छा दिखा रहे हैं। सीएम सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री मान ने उन्हें आश्वासन दिया था कि 27 अप्रैल की सुबह तक मामले का समाधान कर दिया जाएगा।
हालांकि, जब कुछ नहीं हुआ, तो सीएम सैनी ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए मान को पत्र लिखा है। सीएम सैनी ने मुख्यमंत्री मान से तकनीकी समिति के निर्णय के अनुसार हरियाणा को तत्काल पानी छोड़ना सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि "पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा जल वितरण के संबंध में दिया गया बयान आश्चर्यजनक है, वह इस विषय को राजनैतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि एसवाईएल का मुद्दा माननीय सर्वोच्च न्यायालय की देख-रेख में है। परंतु ये एसवाईएल के पानी का विषय है ही नहीं, ये विषय पीने के पानी का है। मैं बताना चाहता हूं कि हर वर्ष अप्रैल, मई, जून के महीने में हरियाणा कॉन्टैक्ट प्वॉइंट नौ हजार क्यूसेक पानी बीबीएमबी द्वारा दिया जाता है।"