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राजस्थान: मेवाड़ के नए ‘महाराणा’ विश्वराज सिंह ने एकलिंगनाथ मंदिर और धूणी के किए दर्शन

मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार की ‘गद्दी’ संभालने के बाद की रस्मों को लेकर तीन दिन से चल रहा विवाद बुधवार शाम को विश्वराज सिंह की तरफ से सिटी पैलेस स्थित पवित्र अग्नि स्थल ‘धूणी’के दर्शन के साथ समाप्त हो गया।

इससे पहले दिन में विश्वराज सिंह ने भगवान शिव को समर्पित नाथद्वारा रोड स्थित एकलिंगनाथजी मंदिर में दर्शन किए और अपने पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ की 10 नवंबर को हुई मौत से शुरू ‘शोक को भंग’ करने की रस्म पूरी की।

पुजारी ने उन्हें ‘शोकभंग’ के प्रतीक स्वरूप लाल पगड़ी दी, जिसे उन्होंने सफेद पगड़ी की जगह पहना। शाम को उन्होंने उदयपुर सिटी पैलेस में धूणी के दर्शन किए। इसके साथ ही पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के प्रमुख की ‘गद्दी’ पर बैठने से जुड़ी रस्मों को लेकर विवाद समाप्त हो गया।

विश्वराज सहित पांच लोग अधिकारियों के साथ सिटी पैलेस परिसर के अंदर गए और ‘धूणी’ के दर्शन किए। दोनों स्थानों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

विश्वराज के सिटी पैलेस के दौरे को लेकर सोमवार से ही गतिरोध बना हुआ था क्योंकि यह संपत्ति उनके चाचा अरविंदसिंह मेवाड़ के नियंत्रण में है। अरविंद सिंह के वकील ने सोमवार को समाचार पत्रों में प्रकाशित सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से संपत्ति में अनाधिकृत प्रवेश पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

चित्तौड़गढ़ किले में ‘गद्दी’ संभालने को लेकर हुए कार्यक्रम के बाद विश्वराज बड़ी संख्या में लोगों के साथ उदयपुर पहुंचे। लेकिन उन्हें सिटी पैलेस में प्रवेश नहीं करने दिया गया।

जिससे रात में हिंसक झड़प हो गई थी। सुबह विश्वराज के एकलिंगनाथ मंदिर आने के अवसर पर मंदिर में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। वहीं उदयपुर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सिटी पैलेस के आसपास के क्षेत्रों में भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 (पूर्व में सीआरपीसी की 144) के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।

विश्वराज ने उदयपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर एकलिंगनाथजी मंदिर में दर्शन किए और अपने निवास पर गए। वहीं उनके चचेरे भाई और अरविंद सिंह के बेटे लक्ष्यराज के साथ अधिकारियों और बाकी लोगों की बातचीत जारी रही।

जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने बताया कि शाम को सहमति बन गई और तय हुआ कि पांच लोग धूणी दर्शन के लिए जाएंगे। कुछ देर बाद उदयपुर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ विश्वराज और सलूंबर राज परिवार के सदस्य सहित कई लोग सिटी पैलेस परिसर में दाखिल हुए। दर्शन करने के बाद विश्वराज सिंह पैलेस से लौट गए।

जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने कहा कि सिटी पैलेस में धूणी के दर्शन के लिए पांच लोगों के जाने पर सहमति बनी। उन्होंने कहा पिछले दो तीन दिनों से जो विवाद बना था उसका समाधान हो गया है और सभी लोगों ने उसमें सहयोग किया, मैं सभी का धन्यवाद करता हूं। इससे पहले विश्वराज सिंह ने अपने निवास पर कहा कि उन्हें खुशी है कि उन्हें एकलिंगनाथजी के दर्शन हुए।

उन्होंने कहा कि धूणी के दर्शन आस्था का विषय है। सिंह ने ये भी कहा कि धूणी के दर्शन के लिए महल में प्रवेश के लिए बातचीत चल रही है। विश्वराज सिंह को सोमवार को अपने पिता की मृत्यु के बाद चित्तौड़गढ़ किले में एक समारोह में पूर्ववर्ती मेवाड़ राजघराने के मुखिया के रूप में नियुक्त किया गया।

सिंह सिटी पैलेस परिसर में धूणी (पवित्र अग्नि) पर धोक लगाने और उसके बाद एकलिंगनाथ मंदिर जाकर अनुष्ठान संपन्न करना चाहते थे। हालांकि, उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने अपने वकील के माध्यम से सोमवार को समाचार पत्रों में दो सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित करवाए, जिसमें महल और एकलिंगनाथजी मंदिर में अनाधिकृत प्रवेश पर रोक लगाई गई।

नोटिस में कहा गया कि श्री एकलिंगजी ट्रस्ट उदयपुर ने 25 नवंबर को केवल ट्रस्ट की तरफ से अधिकृत लोगों को ही मंदिर में प्रवेश देने का निर्णय लिया है। महेंद्र सिंह मेवाड़ के छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध ट्रस्टी हैं। सिटी पैलेस भी उन्हीं के अधीन है।