आज मकर संक्रांति है। मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख पर्व है जो कि नई फसल और किसानों से जुड़ा हुआ है। इस पर्व को भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों और परंपराओं से मनाया जाता है। उत्तर भारत में खिचड़ी तो दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाडु में पोंगल नाम से यह पर्व मनाते हैं। गुजरात में उत्तरायण का पर्व मनाया जाता है।
नाम भले ही अलग हों लेकिन त्योहार को मनाने का कारण और महत्व समान ही है। यह सूर्य, पृथ्वी और ऋतुओं के बीच के संबंध को दर्शाने वाला पर्व है। नई फसल के लिए प्रकृति का आभार व्यक्त किया जाता है। सूर्य देव की पूजा की जाती है और वसंत ऋतु का स्वागत किया जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान पुण्य करने की भी परंपरा है। साथ ही लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं भी देते हैं।
मकर संक्रांति का पर्व अंधकार से उजाले की ओर जाने का प्रतीक है. मकर संक्रांति में सूर्य का दक्षिणायन से उत्तरायण में आने का स्वागत किया जाता है. इस दिन से सूर्य 6 माह तक उत्तर दिशा की ओर गमन करता हैं. इन महीनों को देवताओं का दिन कहा जाता है. मकर संक्राति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्व है.
14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति है. इस दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है. इस दिन लोग खिचड़ी और गुड़-तिल से बने मिष्ठान का भोग लगाकर एक दूसरे को भी खिलाते हैं, कहते हैं इससे सालभर रिश्तों में प्रेम-मिठास बनी रहती है.