आज ज्येष्ठ माह का पांचवां और आखिरी बड़ा मंगल मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान हनुमान को समर्पित होता है। यह दिन भगवान हनुमान को प्रसन्न करने का सबसे शुभ अवसर माना जाता है। इस दिन को बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। आज के दिन रवि योग और स्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।
इस दिन सुबह-सुबह हनुमान मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं। सुंदरकांड, बजरंग बाण, हनुमान चालीसा, हनुमानाष्टक और मंगल आरती के पाठ से मंदिरों का वातावरण भक्तिमय हो जाता है। विशेष रूप से आज के दिन घृत मिश्रित सिंदूर से बजरंगबली का भव्य श्रृंगार किया जाता है। आज के इस विशेष अवसर पर भगवान वायुपुत्र को उनके भक्तों द्वारा पान का बीड़ा, नारियल और लड्डुओं का भोग अर्पित किया जाता है।
यदि आप अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति चाहते हैं, तो भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए नारियल और लाल ध्वज अर्पित करें, साथ ही “ॐ हं हनुमते नमः” का 108 बार जाप करें। आज के इस पवित्र अवसर पर भंडारा या प्रसाद बांटना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार को ही भगवान श्रीराम और पवनपुत्र हनुमान की पहली मुलाकात हुई थी। भगवान हनुमान ब्राह्मण वेष में श्रीराम से मिले थे और तभी से यह दिन 'बड़ा मंगल' के रूप में विशेष श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन से भक्त और भगवान के अद्भुत प्रेम की शुरुआत हुई थी, और यही कारण है कि आज का दिन श्रद्धा, आस्था और चमत्कारों से भरा हुआ सबसे पावन दिन माना जाता है।