असम के शिवसागर जिले में बहुप्रतीक्षित रास महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं।
रास लीला के मंचन में मुखौटे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसमें भगवान कृष्ण के जीवन के प्रसंगों के साथ-साथ रास महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाले अन्य पारंपरिक लोक प्रदर्शनों को भी पेश किया जाता है।
मुखौटों में भगवान कृष्ण के जीवन के कई चरित्रों को दिखाया जाता है। इनमें स्वयं भगवा कृष्ण, उनकी महिला साथी, गोपियां, पूतना, अघासुर, बकासुर जैसे राक्षस शामिल हैं।
रास महोत्सव असम के सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक त्योहारों में से एक है जिसे वैष्णव समुदाय मनाता है। इस साल यह त्योहार 15 नवंबर से शुरू होगा।