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इन लोगों को हैं डायबिटीज का सबसे ज्यादा रिस्क, वक्त रहते संभल जाएं, वरना…

डायबिटीज या मधुमेह आजकल एक आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। यह एक ऐसी बीमारी है जो रक्त में शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को असामान्य रूप से बढ़ा देती है। समय रहते अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे हृदय रोग, किडनी की बीमारी, नर्वस सिस्टम की समस्या, और यहां तक कि अंधापन। डायबिटीज के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह समझना बहुत जरूरी है कि कौन लोग डायबिटीज के लिए सबसे ज्यादा रिस्क पर हैं और क्या कदम उठाए जा सकते हैं ताकि इस बीमारी को समय रहते नियंत्रित किया जा सके।

1. परिवार में डायबिटीज का इतिहास
यदि आपके परिवार में पहले से किसी को डायबिटीज है, तो आपके डायबिटीज के रिस्क का स्तर बढ़ सकता है। विशेष रूप से यदि आपके माता-पिता या दादी-नानी को टाइप 2 डायबिटीज है, तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है। यह आनुवंशिक (genetic) कारक हो सकता है, जो आपको इस बीमारी का शिकार बना सकता है।

क्या करें?
परिवार में किसी को डायबिटीज होने पर नियमित रूप से ब्लड शुगर टेस्ट करवाना चाहिए।
सही आहार और व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

2. मोटापा या ओबेसिटी
मोटापा (Obesity) डायबिटीज के लिए सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है। जब शरीर में अतिरिक्त वसा जमा होती है, तो यह इंसुलिन की प्रभावशीलता को घटाता है, जिससे रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ता है। मोटे लोग अक्सर टाइप 2 डायबिटीज के शिकार होते हैं, क्योंकि उनका शरीर सही तरीके से ग्लूकोज़ का उपयोग नहीं कर पाता।

क्या करें?
वजन कम करना (weight loss) और स्वस्थ आहार (low-calorie diet) अपनाना डायबिटीज को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है।
नियमित व्यायाम, जैसे चलना, स्विमिंग या योग, वजन घटाने के लिए फायदेमंद होते हैं।

3. शारीरिक निष्क्रियता
वर्तमान जीवनशैली में अधिकांश लोग शारीरिक गतिविधियों से बचते हैं, जो डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाता है। फिजिकल इनएक्टिविटी के कारण शरीर का इंसुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance) बढ़ता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण से बाहर हो सकता है।

क्या करें?
रोजाना 30 मिनट तक किसी भी शारीरिक गतिविधि, जैसे तेज चलना, जॉगिंग, या योग करें।
शारीरिक गतिविधि से शरीर में ग्लूकोज़ का सही तरीके से इस्तेमाल होता है, जो डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद करता है।

4. उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर)
हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन डायबिटीज के साथ जुड़ा हुआ एक और गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। उच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव डालता है और इंसुलिन के प्रभाव को कमजोर करता है, जिससे रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ सकता है।

क्या करें?
ब्लड प्रेशर को नियमित रूप से जांचें और उसे सामान्य स्तर पर बनाए रखें।
संतुलित आहार, नमक का सेवन कम करें और तनाव से बचने के लिए ध्यान और प्राणायाम करें।

5. खानपान की आदतें
आजकल की जीवनशैली में जंक फूड और मीठे पदार्थों का सेवन बढ़ गया है। ज्यादा तले-भुने खाद्य पदार्थ, चीनी और सोडा का अत्यधिक सेवन ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, अत्यधिक आलसी आहार से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे डायबिटीज का खतरा और बढ़ सकता है।

क्या करें?
फाइबर और प्रोटीन से भरपूर आहार जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और दालें अपनाएं।
चीनी और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
नियमित रूप से नाश्ते को न छोड़ें और खाने के बीच समय की दूरी को नियंत्रित रखें।

6. तनाव और मानसिक दबाव
आजकल की तेज-रफ्तार जिंदगी में मानसिक तनाव (stress) डायबिटीज के रिस्क को बढ़ा सकता है। तनाव शरीर में कोर्टिसोल (stress hormone) का स्तर बढ़ाता है, जो ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है।

क्या करें?
योग, ध्यान (Meditation) और गहरी सांस लेना (Deep breathing) तनाव कम करने के अच्छे उपाय हैं।
मानसिक शांति के लिए प्राकृतिक वातावरण में समय बिताना भी मददगार हो सकता है।

7. उम्र और हार्मोनल परिवर्तन
उम्र बढ़ने के साथ डायबिटीज का खतरा बढ़ता है, खासकर 45 साल के बाद। इसके अलावा, महिलाओं में मेनोपॉज (menopause) के दौरान हार्मोनल परिवर्तन डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, गर्भावस्था में डायबिटीज (gestational diabetes) के अनुभव के बाद भी बाद में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा हो सकता है।

क्या करें?
उम्र बढ़ने के साथ नियमित चेक-अप करवाएं।
अगर गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज हो, तो उसे समय रहते नियंत्रित करना चाहिए।

डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जो समय रहते यदि नियंत्रित न की जाए तो यह हृदय रोग, किडनी समस्याएं, नर्वस सिस्टम की समस्या, और दृष्टि दोष जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए, समय रहते संभल जाएं और अगर आप इनमें से किसी भी रिस्क फैक्टर से जूझ रहे हैं तो अपने खानपान, व्यायाम और स्वास्थ्य परीक्षण पर ध्यान दें। यह आपको न सिर्फ डायबिटीज से बचने में मदद करेगा, बल्कि आपके समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखेगा।