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माता-पिता की ये आदतें बना देती हैं बच्चे को आलसी, जानिए कैसे करें सुधार

माता-पिता का बच्चों पर गहरा असर होता है। बच्चों की आदतें, व्यवहार और सोच काफी हद तक उनके घर के वातावरण और माता-पिता के व्यवहार पर निर्भर करती हैं। कभी-कभी माता-पिता की कुछ आदतें बच्चों को आलसी बना सकती हैं, जो उनके भविष्य और सफलता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसी कौन सी आदतें हैं जो बच्चों में आलस्य पैदा कर सकती हैं और कैसे इनसे बचा जा सकता है।

1. बच्चों पर ज्यादा ध्यान देना (Overprotecting)
कई माता-पिता बच्चों को हर काम में मदद करने की कोशिश करते हैं, जैसे उनका बैग उठाना, पढ़ाई में मदद करना, या उनके लिए हर काम आसान करना। इस तरह की आदतें बच्चों को अपनी समस्याओं का हल ढूंढने में असमर्थ बना देती हैं और वे स्वावलंबी नहीं बन पाते। जब बच्चे खुद से कोई काम नहीं करेंगे, तो उनका आलसी होना स्वाभाविक है।

सुझाव: बच्चों को छोटे-छोटे कामों में भागीदार बनाएं और उन्हें अपनी समस्याओं का हल खुद ढूंढने का अवसर दें। इससे उनमें आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

2. अत्यधिक आरामदायक वातावरण देना
कुछ माता-पिता अपने बच्चों के लिए आरामदायक और सुविधाजनक माहौल बना देते हैं, जैसे कि हर काम को बच्चों के लिए आसान और बिना किसी मेहनत के कर दिया जाता है। इससे बच्चे आलस्य का शिकार हो सकते हैं क्योंकि वे किसी भी काम के लिए प्रेरित नहीं होते।

सुझाव: बच्चों को हल्की-फुल्की जिम्मेदारियां दें और उन्हें काम करने की आदत डालें। जैसे कि बर्तन धोने, सफाई करने, या छोटे-छोटे कामों में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करें।

3. उनकी भावनाओं को समझने में कमी (Lack of emotional support)
अगर माता-पिता अपने बच्चों की भावनाओं को नजरअंदाज करते हैं और उनकी सफलता या असफलता को केवल नतीजों के आधार पर ही आंकते हैं, तो बच्चों में आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। वे बिना कोशिश किए हार मान सकते हैं, जिससे आलस्य बढ़ता है।

सुझाव: बच्चों को उनकी मेहनत के लिए सराहें, न कि केवल परिणामों के लिए। उन्हें यह समझाएं कि गलतियां करना भी सीखने का हिस्सा है और वे अपनी असफलताओं से भी कुछ नया सीख सकते हैं।

4. शारीरिक गतिविधियों में कमी (Lack of physical activity)
अगर बच्चे ज्यादातर समय टीवी देख रहे हैं या गेम्स खेल रहे हैं और माता-पिता उन्हें बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित नहीं करते, तो बच्चे शारीरिक रूप से निष्क्रिय हो सकते हैं। शारीरिक गतिविधियों की कमी से मानसिक और शारीरिक आलस्य बढ़ता है।

सुझाव: बच्चों को बाहर खेलने और शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। जैसे खेल-कूद, दौड़, साइकिलिंग आदि। इससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास दोनों होगा।

5. बच्चों को सही समय पर जिम्मेदारी न सौंपना (Not assigning responsibilities on time)
कुछ माता-पिता बच्चों को उनके उम्र के अनुसार जिम्मेदारियां नहीं सौंपते। जब बच्चे हर समय अपने माता-पिता पर निर्भर रहते हैं, तो वे खुद से कुछ भी करने की इच्छा खो सकते हैं और आलसी बन सकते हैं।

सुझाव: बच्चों को समय-समय पर जिम्मेदारियां दें, जैसे स्कूल का काम खुद करना, सामान रखना, बिस्तर ठीक करना, आदि। इससे उनका आत्मविश्वास और सक्रियता बढ़ेगी।

6. अत्यधिक सजा देना (Over-punishing)
कभी-कभी माता-पिता बच्चों को बहुत अधिक सजा देते हैं या उनकी छोटी-छोटी गलतियों पर ज्यादा आलोचना करते हैं। इससे बच्चे डर और निराशा महसूस करते हैं और उनमें आलस्य आ सकता है, क्योंकि वे सोच सकते हैं कि किसी भी प्रयास से उन्हें केवल आलोचना ही मिलेगी।

सुझाव: बच्चों को प्रोत्साहित करें और उनके प्रयासों की सराहना करें, चाहे परिणाम जैसा भी हो। सकारात्मक सुधार और प्रोत्साहन के बजाय कठोर सजा देने से बच्चों की मानसिकता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

7. तकनीकी गैजेट्स का अत्यधिक इस्तेमाल (Excessive use of gadgets)
आजकल बच्चों का अधिकांश समय मोबाइल, टैबलेट और कंप्यूटर पर बितता है। यदि माता-पिता बच्चों को इन गैजेट्स का अत्यधिक उपयोग करने की अनुमति देते हैं, तो इससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास रुक सकता है। यह आलस्य और निर्भरता की आदतें भी बढ़ा सकता है।

सुझाव: बच्चों के स्क्रीन टाइम को सीमित करें और उन्हें तकनीकी गैजेट्स के अलावा अन्य रचनात्मक गतिविधियों जैसे किताबें पढ़ने, कला, संगीत, और खेलों में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।

माता-पिता की आदतों का बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। बच्चों को आलसी बनने से रोकने के लिए जरूरी है कि माता-पिता उन्हें जिम्मेदारियों का अहसास कराएं, उन्हें प्रोत्साहित करें और एक सक्रिय और जिम्मेदार जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित करें। यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आलस्य से बचकर एक सशक्त और आत्मनिर्भर इंसान बने, तो इन आदतों में सुधार करना बहुत जरूरी है।