सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को नौकरियों में आरक्षण देने के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का उप-वर्गीकरण पर फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने आठ फरवरी को अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी सालिसिटर जनरल तुषार मेहता वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अन्य की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ फैसला सुनाएगी।
वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए राज्यों ने ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश सरकार के फैसले की समीक्षा की मांग की है, जिसने 2004 में फैसला सुनाया था कि सदियों से बहिष्कार, भेदभाव और अपमान झेलने वाले सभी अनुसूचित जाति समुदाय एक सजातीय वर्ग में है।