एक्ट्रेस कंगना रनौत ने सोमवार को कहा कि केवल उनकी फिल्म 'इमरजेंसी' को सेंसरशिप का सामना करना पड़ रहा है जो, बहुत गलत और निराशाजनक है। फिल्म 'इमरजेंसी' को अभी तक सीबीएफसी से सर्टिफिकेट नहीं मिला है, जिससे छह सितंबर को होने वाली इस फिल्म की रिलीज खतरे में पड़ गई है।
"इमरजेंसी" और नेटफ्लिक्स सीरीज "आईसी 814: द कंधार हाईजैक" को एक जैसा बताते हुए कंगना ने कहा कि सेंसरशिप केवल उन लोगों के लिए है जो ऐतिहासिक तथ्यों पर फिल्में बनाते हैं जबकि हिंसा और नग्नता स्ट्रीमर्स पर दिखाई जा सकती है।
कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "देश का कानून ये है कि कोई भी नतीजे की परवाह किए बिना या सेंसरशिप के ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर खूब हिंसा और नग्नता दिखा सकता है। लेकिन एक राष्ट्रवादी के रूप में कोई भी ओटीटी प्लेटफॉर्म हमें ऐसी फिल्में बनाने की इजाजत नहीं देता है जो भारत की अखंडता और एकता के इर्द-गिर्द घूमती हैं, ऐसा लगता है कि सेंसरशिप केवल हममें से कुछ लोगों के लिए है जो इस देश के टुकड़े नहीं चाहते हैं।"
साल 1999 के प्लेन हाईजैक पर बनी अनुभव सिन्हा की सीरीज "आईसी 814: द कंधार हाईजैक" कथित तौर पर हाईजैकर्स को 'भोला' और 'शंकर' जैसे नाम देने की वजह से विवादों में घिर गई है। सूत्रों के मुताबिक, फिल्म 'इमरजेंसी' शुक्रवार को रिलीज नहीं हो रही है क्योंकि मेकर्स को अभी तक फिल्म के लिए सीबीएफसी से सर्टिफिकेट नहीं मिला है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट सोमवार को एक सिख संगठन की याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें "इमरजेंसी" की रिलीज को रोकने के निर्देश देने की मांग की गई है। पिछले हफ्ते, कंगना रनौत ने कहा था कि उनकी फिल्म को रिलीज के लिए मंजूरी दे दी गई है।
उन्होंने ये भी कहा था कि उन पर अपने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को ना दिखाने का दबाव है। शिरोमणि अकाली दल ने शुक्रवार को सीबीएफसी से कंगना रनौत की फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग की। उन्होंने दावा किया था कि ये "सांप्रदायिक तनाव भड़का सकती है"।