केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि सरकार जल्द ही डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों से चर्चा करेगी और अगर मंचों ने इस संबंध में पर्याप्त कदम नहीं उठाए तो उन्हें आईटी अधिनियम के ‘सेफ हार्बर’ प्रतिरक्षा खंड के तहत संरक्षण नहीं मिलेगा।
वैष्णव ने कहा कि सरकार ने हाल ही में डीपफेक मुद्दे पर कंपनियों को नोटिस जारी किया था और प्लेटफार्मों ने जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि लेकिन कंपनियों को ऐसी सामग्री पर कार्रवाई करने में अधिक आक्रामक होना होगा।
ये पूछे जाने पर कि क्या बैठक के लिए मेटा और गूगल जैसे बड़े मंचों को बुलाया जाएगा, मंत्री ने सकारात्मक जवाब दिया। वैष्णव ने ये भी स्पष्ट किया कि आईटी अधिनियम के तहत मंचों को वर्तमान में जो ‘सुरक्षित हार्बर प्रतिरक्षा’ प्राप्त है, वे तब तक लागू नहीं होगी जब तक कि वे पर्याप्त कार्रवाई नहीं करते।
इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपील किया था कि कृत्रिम मेधा (एआई) के जरिए बनाए गए डीपफेक बड़े संकट का कारण बन सकते हैं और समाज में असंतोष पैदा कर सकते हैं। उन्होंने मीडिया से इसके दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने का आग्रह किया।