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High Court ने कोचिंग हादसे पर MCD को लगाई फटकार! पूछा ये सवाल

दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद चारों तरफ हाहाकरा मचा हुआ है. और हो भी क्यों ना... क्योंकि इसमें तीन बेकसूर बच्चों ने अपनी जान गवाई है. प्रशासन और अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा इन तीन जानों को भुगतना पड़ा है. छात्र गुस्साए हुए है और इंसाफ की मांग कर रहे है। वहीं इसे लेकर सियासत भी अपने चरम पर है जहां आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। एक तरफ बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो वही दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी भी बीजेपी के ऊपर इल्जाम मढ़ने में लगी हुई है। जिस बीच इस हादसे को लेकर हाई कोर्ट ने इस मामले पर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एमसीडी, पुलिस और तमाम अधिकारियों से सवाल करते हुए कड़ी फटकार लगाई है।

कोर्ट ने क्या कहा?
दिल्ली कोचिंग हादसे पर कोर्ट सख्त नजर आया जहां कोर्ट ने कहा कि सिर्फ एक जूनियर अफसर को सस्पेंड कर दिया गया, आखिर बाकि अधिकारी क्या कर रहे थे? कोर्ट में जांच अधिकारी को पेशी का फरमान भी सुना दिया गया है। साथ ही कहा कि, दिल्ली त्रासदी का इंतजार कर रहा है और अगर जांच अधिकारी सक्षम नहीं है तो इस केंद्रीय एजेंसी को भेजा जाएगा।

इसी के साथ एमसीडी की कार्यप्रणाली को लेकर भी कोर्ट की ओर से सवाल उठाए गए और कहा गया कि एमसीडी के पास कोई प्लान ही नहीं है वो जानते ही नहीं है कि नालियां आखिर कहां-कहां है। कुल मिलाकर एमसीडी की व्यवस्था को कोर्ट की ओर से अव्यवस्थित करार दिया गया।

एमसीडी अफसर नहीं गिरफ्तार हुए... पास से गुजर रहा राहगीर गिरफ्तार हो गया- कोर्ट 
वरिष्ठ एमसीडी अधिकारी दफ्तर से बाहर क्यों नहीं निकलते हैं? कोर्ट के ओर से सवाल पूछा गया है कि क्यों बार-बार ऐसा देखा जाता है जहां छोटे अधिकारी तो नप जाते है मगर तमाम बड़े-बड़े अधिकारियों का कभी नाम ही नहीं आता और नही कभी वे जांच के दायरे में आते है जिसके चलते हाईकोर्ट ने इस बारे में संज्ञान लिया है।