शिमला में मौसम तो ठंडा है मगर उग्र प्रदर्शन के चलते संजौली में पारा चढ़ता जा रहा है. हिंदू संगठनों ने मस्जिद में अवैध निर्माण के खिलाफ कल हल्ला बोल किया और सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया गया जिसके चलते पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और वॉटर केनन का इस्तेमाल भी किया. पुलिस की ओर से बेरकेडिंग लगा कर भीड़ को रोकने का प्रयास किया गया जिसे लोगों ने तोड़ दिया.
नजारा कुछ एसा था कि पतली से गली में सैकड़ों लोगों की भीड़ उतर आई जिसे रोकने के लिए पुलिस ने बेरिकेडिंग लगाई. जिसे हटाकर प्रदर्शकारी आगे बढ़ते आ रहे थे जिन्हें रोकने के लिए पहले पानी की बौछार की गई और फिर लाठीचार्ज किया गया. प्रदर्शन में मुख्य रुप से तीन संगठन सामने आए जिसमें संजौली हिंदू संगठन समिति, हिमाचल देवभूमि संघर्ष समिति, और शिमला सिविल सोसाइटी रही. इसी के साथ कुछ अन्य हिंदूवादी संगठन भी इस प्रदर्शन में शामिल रहे.
क्या है शिमला मस्जिद मामला?
शिमला के संजौली में 5 मंजिला मस्जिद के लेकर ये पूरा विवाद चल रहा है. जहां पुरानी छोटी मस्जिद की जगह एक अवैध इमारत खड़ी कर दी गई है. आरोप है कि इस मस्जिद को बिना निगम की मंजूरी के 5 मंजिल तक बनाया गया है. बता दें कि इस मस्जिद का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था जिसके बाद 2010 से ही विवाद होने लगा. विवाद शुरू होने के दो साल बाद यानि 2012 में वक्फ बोर्ड ने नई मस्जिद बनाने की एनओसी दी थी. नगर निगम की आपत्ती पर 2013 में एक अन्य व्यक्ति में मस्जिद की ओर से एक मंजिल का एक प्रस्तावित नक्शा निगम में दिया और 2018 तक बिना वैध मंजूरी के 5 मंजिला मस्जिद बन गई.
प्रदर्शन को लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर हावी
बीजेपी और कांग्रेस भी इस अवैध निर्माण को लेकर एक दूसरे पर हावी हैं. दोनों ही तरफ से दो बातें कही जा रहीं है. बीजेपी कहती है कि मुस्लिम वोट के नुकसान के डर से कांग्रेस सरकार अवैध निर्माण नहीं हटा रही तो वहीं कांग्रेस कहती है कि मामला कोर्ट में है जो भी फैसला आएगा उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.