अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने शुक्रवार को भारतीय टीम के नेट सत्र के दौरान लगभग एक घंटे तक जमकर पसीना बहाया, लेकिन मैदान पर उनकी वापसी को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। भारत के लिए पिछली बार 2023 विश्व कप फाइनल में खेलने वाले शमी ने चेपॉक में गेंदबाजी की लय हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। शमी को बुधवार को कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में नहीं खिलाया गया था।
ईडन गार्डन्स की तरह ही शमी यहां भी नेट सत्र के दौरान सक्रिय रूप से मौजूद रहे। उन्होंने सहायक कोच अभिषेक नायर के साथ हल्के जॉगिंग सत्र से शुरुआत की। इसके बाद 34 साल के तेज गेंदबाज ने मद्रास क्रिकेट क्लब स्टैंड के करीब गेंदबाजी नेट पर जाने से पहले फील्डिंग कोच दिलीप के साथ कुछ मिनटों के लिए थ्रोइंग ड्रिल में हिस्सा लिया। शमी के दोनों पैरों में भारी पट्टी बंधी हुई थी। उन्होंने छोटे रन-अप के साथ शुरुआत की और फिर ठीक-ठाक गति से गेंदबाजी की।
छोटे रन-अप के साथ कुछ गेंदें फेंकने के बाद शमी पूरे रन-अप के साथ गेंदबाजी करने लगे, लेकिन उनके रवैये और गेंदबाज फेंकने में पूरी सहजता की कमी थी। उनकी गेंद कुछ मौकों पर स्टंप के निचले हिस्से पर लगी जबकि इस दौरान गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल विकेटकीपर की भूमिका निभाते हुए उन्हें करीब से देख रहे थे। शमी के साथ बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने भी नेट्स पर गेंदबाजी की, लेकिन पंजाब का ये खिलाड़ी तेज और सटीक था।
बंगाल के तेज गेंदबाज शमी ने इसके बाद मोर्कल और मुख्य कोच गौतम गंभीर से बात करने के लिए कुछ मिनट का ब्रेक लिया। इसके बाद शमी गेंदबाजी शुरू करने के लिए नेट्स पर लौट आए। धीरे-धीरे उनकी लय में सुधार हुआ लेकिन वो अपने पुराने रंग में नहीं दिखे। ये काफी हैरान करने वाला है क्योंकि शमी को रणजी ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में चुना गया है। लेकिन यहां वो अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं दिखे और शुरुआत में उन्होंने अपने किसी भी साथी बल्लेबाज को गेंदबाजी नहीं की जो एमएसी ‘बी’ मैदान पर ट्रेनिंग के लिए बाहर गए थे।
शमी ने इसके बाद नितीश कुमार रेड्डी को कुछ गेंद फेंकी जो हार्दिक पंड्या के साथ मैदान पर लौट आए। उन्होंने इसके बाद फील्डिंग और कैचिंग ड्रिल में हिस्सा लिया।