भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने गुरुवार को राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में ‘अनुशासन और एकजुटता’ को बढ़ावा देने के लिए 10 सूत्री नीति जारी की जिसमें घरेलू क्रिकेट में खेलना अनिवार्य, दौरे पर परिवार और निजी स्टाफ की मौजूदगी पर पाबंदी और सीरीज के दौरान व्यक्तिगत विज्ञापन पर प्रतिबंध जैसे कई उपाय शामिल
हैं।
इस नीति का पालन नहीं करने पर खिलाड़ियों पर जुर्माना लगाया जाएगा जिसमें केंद्रीय अनुबंधों से उनकी रिटेनर फीस में कटौती और लुभावनी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में हिस्सा लेने पर रोक शामिल है। ऑस्ट्रेलिया के दौरे में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद इन निर्देशों की घोषणा की गई है। इससे पहले भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में व्हाइटवॉश का सामना करना पड़ा था।
बोर्ड ने विदेशी दौरों के दौरान खिलाड़ियों के साथ परिवारों के रहने के लिए केवल दो हफ्ते की अवधि को मंजूरी दी है। इसके अलावा निजी स्टाफ और व्यावसायिक फोटो शूट पर प्रतिबंध लगाए हैं। बोर्ड की नीति में कहा गया है, ‘‘इसमें किसी भी अपवाद या बदलाव को चयन समिति के अध्यक्ष और मुख्य कोच द्वारा पूर्व-अनुमोदित किया जाना चाहिए। इसका पालन नहीं करने पर बीसीसीआई द्वारा उचित समझी जाने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती
है।’’
नीति में चेताया गया, ‘‘बीसीसीआई किसी खिलाड़ी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखता है जिसमें संबंधित खिलाड़ी को आईपीएल सहित बीसीसीआई द्वारा आयोजित सभी टूर्नामेंटों में भाग लेने से रोकना और बीसीसीआई के खिलाड़ी अनुबंध के अंतर्गत रिटेनर राशि या मैच फीस से कटौती करना शामिल हो सकता है। ’’ इस दस्तावेज में ये भी कहा गया है कि अब से खिलाड़ियों को दौरे के दौरान अलग से यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी और दौरे या मैच के जल्दी खत्म होने की स्थिति में उन्हें जल्दी नहीं जाने दिया जाएगा।