ध्रुव शोरे ने लगातार तीसरा शतक जड़ा लेकिन कर्नाटक ने स्मरण रविचंद्रन की कलात्मक शतकीय पारी की मदद से शनिवार को यहां एक बड़े स्कोर वाले फाइनल में विदर्भ को 36 रनों से हराकर पांचवीं बार विजय हजारे ट्रॉफी खिताब जीता। कर्नाटक की टीम पांचवीं बार इस प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची थी। टीम हर बार खिताबी मुकाबले को जीतने में सफल रही है।
वामहस्त बल्लेबाज स्मरण की 92 गेंद में 101 की पारी खेलने के अलावा चौथे विकेट के लिए के साथ विकेटकीपर बल्लेबाज कृष्णन श्रीजीत (74 गेंद में 78 रन) के साथ 160 और पांचवें विकेट के लिए अभिनव मनोहर (42 गेंद में 79 रन) के साथ 106 की आक्रामक साझेदारी कर कर्नाटक को 50 ओवर में छह विकेट पर 348 रन तक पहुंचा दिया।
लक्ष्य का पीछा करते हुए शोरे की 110 और आखिरी ओवरों में हर्ष दुबे की 30 गेंद में 63 रन की पारी के बावजूद कर्नाटक की टीम 48.2 ओवर में 312 रन पर आउट हो गई। हर्ष ने पांच चौके और इतने ही छक्के लगाए और आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज रहे। क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में शतक लगाने वाले शोरे को दूसरे छोर से अच्छा साथ नहीं मिला।
प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ करुण नायर (27) के आउट होने के बाद विदर्भ का मध्यक्रम दबाव में आ गया। विदर्भ की टीम बिना कोई मैच गंवाए फाइनल में पहुंची थी और टूर्नामेंट में उसके शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों की बड़ी पारियों के कारण मध्यक्रम को बल्लेबाजी का ज्यादा मौका नहीं मिल सका था।
फाइनल के दबाव में उसकी बल्लेबाजी बिखर गयी। भारत के वनडे टीम में जगह के लिए करुण के नाम पर चयनकर्ताओं के बीच गंभीर चर्चा हुई थी। उन्होंने इस टूर्नामेंट में 389.5 की औसत से 779 रन बनाए। शोरे ने एक छोर से कुछ शानदार चौके लगाते हुए नायर के साथ 56 और अनुभवी जितेश शर्मा (34) के साथ 62 रन की साझेदारी की।
विदर्भ की टीम हालांकि बीच के ओवरों में ज्यादा बाउंड्री नहीं लगा सकी जिससे दबाव बढ़ता गया। कर्नाटक के मध्यम गति के गेंदबाज वासुकी कौशिक ने इस बड़े स्कोर वाले मैच में 10 ओवर में 47 रन पर तीन विकेट झटक कर प्रभावित किया। अभिलाष शेट्टी ने 9.2 ओवर में 58 रन देकर तीन विकेट लिए। जबकि प्रसिद्ध ने भी तीन विकेट लिए लेकिन उन्होंने 10 ओवर में 84 रन लुटाए।
शोरे को भारतीय टीम के इस गेंदबाज के खिलाफ रन बनाने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई। उन्होंने प्रसिद्ध खिलाफ छक्के के साथ अपना शतक पूरा किया। शोरे ने अपनी पारी में आठ चौके और दो छक्के लगाए। इससे पहले स्मरण ने ऑफ साइड में कुछ आकर्षक शॉट खेल कर प्रभावित किया। मनोहर ने क्रीज पर आते ही बाउंड्री की छड़ी लगा दी। उन्होंने 42 गेंद की पारी में 10 चौके और चार छक्के के साथ टीम को 350 रन के करीब पहुंचाने में अहम योगदान दिया।
कर्नाटक पांचवीं बार बनी चैंपियन, फाइनल में फेल रहे विदर्भ के कप्तान करुण नायर
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