पर्थ में खेले गए आखिरी वनडे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 83 रन से हराकर सीरीज में व्हाइट वॉश किया। भारतीय टीम 45.1 ओवर में 215 रन बनाकर सिमट गई। मंधाना ने शतकीय पारी खेली लेकिन, वह टीम को जीत नहीं दिला सकीं। ऐशली गार्डनर ने पांच विकेट चटकाए। आखिरी वनडे मैच में भारतीय टीम के वापसी की उम्मीद थी। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। 78 के स्कोर पर चार विकेट चटकाकर भारतीय टीम अपनी लाज बचाने की ओर बढ़ रही थी। तभी ऐनाबेल सदरलैंड और ऐशली गार्डनर टीम के रास्ते में आ गईं। दोनों के बीच पांचवें विकेट के लिए 107 गेंद पर 96 रन की साझेदारी की। गार्डनर 50 रन बनाकर आउट हो गईं।
इसके बाद कप्तान ताहलिया मैक्ग्रा ने ऐनाबेल का साथ दिया। ऐनाबेल का बल्ला लगातार रन उगलता रहा और 95 गेंद पर 110 रन की पारी खेलकर ऐनाबेल रन आउट के रूप में पवेलियन लौटीं। मैक्ग्रा 56 रन बनाकर अंत तक नाबाद रहीं। अरुंधति रेड्डी ने 10 ओवर में चार विकेट लिए। दीप्ति शर्मा को एक विकेट मिला। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 रन बनाए थे।
मुकाबले में टीम इंडिया की गेंदबाजी एक बार फिर से कमजोर कड़ी साबित हुई। केवल अरुंधती रेड्डी ने चार विकेट निकाले ओर दीप्ति शर्मा को एक सफलता मिली। इसके अलावा सभी गेंदबाजों का विकेट का कॉलम खाली रहा। दरअसल ऑस्ट्रेलिया के पहले चार विकेट अरुंधती रेड्डी ने ही चटकाए थे। इससे टीम की जीत की संभावना दिख रही थी, लेकिन बाकी गेंदबाज कुछ खास नहीं कर पाए और ऑस्ट्रेलिया ने एक बड़ा स्कोर टांग दिया।
इसके बाद टीम इंडिया रनों का पीछा करने के लिए उतरी तो सलामी बल्लेबाज रिचा घोष केवल दो रन बनाकर पवेलियन लौट गई। हालांकि इसके बाद स्मृति मंधाना और हरलीन देवल ने एक बड़ी साझेदारी की। स्मृति मंधाना ने तो शतक भी लगाया। वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके घर पर दो वनडे शतक लगाने वाली अकेली खिलाड़ी हैं। हरलीन ने उनका साथ दिया। लेकिन जैसे ही 39 रन बनाकर हरलीन आउट हुई, पूरी टीम ताश के पत्तों की तरह बिखरती चली गई। भारतीय टीम अपने कोटे के पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल पाई और 45.1 ओवर में केवल 215 रन बनाकर आउट हो गई। इस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच को 83 रनों के भारी अंतर से अपने नाम कर लिया।