भारतीय क्रिकेट टीम के कोच गौतम गंभीर के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में आज 31 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है। इस मामले में हाई कोर्ट ने गंभीर को 18 नवंबर को राहत देते हुए मामले पर रोक लगाने का फैसला किया था और अगली सुनवाई आज के लिए टाल दी थी।
गंभीर के खिलाफ धोखाधड़ी मामले पर रोक लगाते हुए जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने कहा कि इस मामले में जल्द ही विस्तृत आदेश जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं आदेश दूंगा। तब तक याचिकाकर्ता के खिलाफ बहस के लिए लाया गया फैसला स्थगित रहेगा। मैं बाद में विस्तृत आदेश दूंगा।”
इस मामले में रुद्र बिलगेवेल रियल्टी, एचआर इंफ्रासिटी और यूएम आर्किटेक्ट्स एंड कॉन्ट्रैक्टर्स नाम की तीन पार्टियां शामिल हैं, जिन्होंने सेरा बेला 2011 हाउसिंग प्रोजेक्ट को प्रमोट किया था। रुद्र कंपनी के एडिशनल डायरेक्टर होने के साथ ही गंभीर इस प्रोजेक्ट के ब्रांड एंबेसडर भी थे। जब घर खरीदने वालों को प्रोजेक्ट में कोई बढ़ोतरी नहीं दिखी और जब उन्हें पता चला कि इस पर केस चल रहा है, तो उन्होंने धोखाधड़ी का केस दर्ज करा दिया।
वहीं ट्रायल कोर्ट ने साल 2020 में एफआईआर के आधार पर इसमें तीन लोगों और दो कंपनियों को आरोपी पाया था। बाकी लोगों को आरोपों से बरी कर दिया था, जिसमें गंभीर का नाम भी शामिल था। ट्रायल कोर्ट के इस आदेश को तीन लोगों ने सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी।
29 अक्टूबर को सेशन कोर्ट ने पाया कि इस मामले में गंभीर को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश में कमी थी, इसलिए सेशन कोर्ट ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया और गंभीर को आरोपी बनाते हुए नया फैसला सुनाया। सेशन कोर्ट ने कहा कि अगर धोखाधड़ी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत आती है तो ईडी भी इस मामले की जांच करेगी। इसके बाद सेशन कोर्ट ने ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से मामले की नए सिरे से जांच करने और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। गंभीर ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।