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तेंदुलकर और कोहली के बाद क्रिकेट के नए 'वंडर ब्वॉय' बन चुके हैं वैभव सूर्यवंशी

भारतीय क्रिकेट की दुनिया के कुछ सितारों की कहानियां इतनी खास हैं कि उनके लिए पूरा देश मानों रुक सा जाता है।
ऐसा ही कुछ 1989 में तब देखने को मिला था जब 16 साल का घुंघराले बालों वाला एक लड़का जिसका नाम था सचिन तेंदुलकर, वो बल्ला थामे वकार यूनुस और वसीम अकरम जैसे पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों का डटकर सामना कर रहा था। 20 साल आगे बढ़ें, तो दुनिया ने 2008 में विराट कोहली को बेखौफ अंदाज में लक्ष्य का पीछा करते हुए देखा।

अब इसमें एक नई कड़ी जुड़ चुकी है। 14 साल के वैभव सूर्यवंशी अपनी बल्लेबाजी से ऐसा ही कुछ अहसास करा रहे हैं। सबसे कम उम्र में आईपीएल खेलने वाला खिलाड़ी बनने के बाद अब वे लीग में शतक जड़ने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बन चुके हैं। बिहार के समस्तीपुर का ये लड़का आईपीएल जैसे बड़े मंच पर जरा भी नहीं घबराया। उसने इसे ही अपनी कामयाबी की सीढ़ी बना लिया।

वैभव के नाम अब आईपीएल में सबसे कम उम्र में ही शतक जड़ने का रिकॉर्ड नहीं है बल्कि वे लीग में क्रिस गेल के बाद सबसे तेज सैकड़ा लगाने वाले बल्लेबाज भी बन चुके हैं। वैभव ने अपनी बल्लेबाजी के अंदाज से साबित किया कि उनका ये शतक महज एक तुक्का नहीं है। गेंदबाजों पर दबदबा, सटीक शॉट और गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाने की उनकी काबिलियत मैदान पर उनकी कामयाबी को बयां करती है।

पारी की पहली बाउंड्री लगाने से लेकर आउट होने तक वैभव ने अधिकार, सटीकता, प्रतिभा थी। अपनी पहली बाउंड्री से लेकर आउट होने तक वैभव ने कोहली की तरह की शान और तेंदुलकर की तरह की शांति बनाए रखी। ये एक ऐसा संतुलन जिसे बहुत कम लोग हासिल कर पाते हैं। वैभव ने अपनी इस खास पारी में सिर्फ रन ही नहीं बनाए बल्कि उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में अपनी मौजूदगी का अहसास करा दिया। हालांकि अब बड़ा सवाल ये है कि क्या दुनिया वैभव के तौर पर आने वाले कल के बड़े सितारे को देख रही है? और क्या ये एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को भारतीय क्रिकेट की कमान सौंपे जाने का इशारा है?