Ghaziabad: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया जहां पर एक परिवार को 30 साल के बाद अपना बेटा वापस मिल गया। दरअसल परिवार के बेटे भीम सिंह को सात साल की उम्र में किसी ने अपहरण कर लिया था। जो अब तीस साल बाद अपने परिवार से मिला तो उसकी दास्तां सुन हर कोई हैरान था। साल 1993 में अपनी बहन के साथ स्कूल से घर लौटते समय भीम सिंह को गाजियाबाद से अगवा कर लिया गया था।
उसके परिवार के मुताबिक अपहरणकर्ताओं ने पहले तो भीम की रिहाई के लिए फिरौती की मांग की लेकिन उसके बाद पूरी तरह चुप हो गए। पुलिस भी भीम सिंह का पता लगाने में नाकाम रही। हालांकि भीम परिवार ने उम्मीद नहीं खोई और उसकी तलाश जारी रखी।उन्हें यकीन था कि एक दिन वो जरूर आएगा। भीम के अपहरणकर्ताओं ने उसे जैसलमेर में खानाबदोश चरवाहों को कथित रूप से बेच दिया, जिन्होंने उसे बंधुआ मजदूर बना दिया।
भीम का कहना है कि उसे रात में जंजीरों से बांध कर रखा जाता था और मार पिटाई सहना तो उसके लिए रोज का काम था। लेकिन जिस बदकिस्मती से वो अपने परिवार से दूर हुआ था उस किस्मत ने इस बार पलटी खाई और उसे नेक दिल ट्रक ड्राइवर से मिलवा दिया जिसने भीम को उसके घर पहुंचाने का वादा किया। भीम को गाजियाबाद के एक पुलिस थाने ले जाया गया, जहां उसने अपनी आपबीती सुनाई तो वहां मौजूद सभी की आंखे भर आई।
भीम की मां का कहना है कि इस दौरान उन्होंने कभी उम्मीद नहीं खोई। भीम के पिता के रिटायर होने के बाद भी परिवार ने अपने पुश्तैनी गांव जाकर बसने का इरादा भी इसलिए छोड दिया ताकि भीम जब भी वापस लौटे तो उन्हें ढूंढ सके। लंबे अर्से के बाद भीम को पाकर उसका परिवार बहुत खुश है। दोस्त और रिश्तेदारों का उसके घर में तांता लगा है। हर कोई उसकी आपबीती सुन दांतों तले उंगुली दबा रहा है।