Holi 2025: होली भारतवासियों का बेहद प्रसिद्ध त्यौहार है. होली का त्यौहार हर साल फाल्गुन के महीने में बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है. इस दिन लोग अपनी दुश्मनी मिटा के एक-दूसरे को रंग लगाते हैं. इस दिन लोग एक दूसरे को गले लगकर शुभकामनाएं देते हैं. होली से एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है, होलिका दहन बुराई पर अच्छाई प्रतीक है. होलिका दहन के पीछे कुछ कथाएं भी है, लेकिन क्या आप जानते हैं होली का महत्व क्या है और होली क्यों मनाई जाती है. आइए जानते हैं होली खेलने की शुरूआत कैसे हुई और लोग इस त्यौहार को इतने खुशी के साथ क्यों मनाते हैं.
माता पार्वती की कठोर तपस्या
शिवपुराण के मुताबिक, माता पार्वती ने भगवान शिव से शादी करने के लिए कठोर तपस्या की थी. देवराज इंद्र ने कामदेव को भगवान शिव की तपस्या भंग करने के लिए भेजा. कामदेव ने भगवान शिव पर पुष्प बाण से वार किया, जिससे भगवान शिव की तपस्या भंग हो गई. क्रोध में आकर भगवान शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोला और कामदेव को भस्म कर दिया. जिसके बाद देवताओं ने भगवान शिव को मनाया माता पार्वती से विवाह करने के लिए. इसीलिए फाल्गुन पूर्णिमा को होली के रूप में मनाया जाता है.
राधा रानी और कन्हैया के प्यार का प्रतीक
होली की शुरूआत बरसाने से हुई थी. होली राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है. जब राधा और कृष्ण बच्चे थे तब वे अपने दोस्तों के साथ मिलकर रंगों से होली खेला करते थे. होली का त्यौहार उनके स्नेह और प्रेम को दिखाता है, इसीलिए इस दिन को होली के रूप में मनाया जाता है.
लोगों की तैयारियां
होली के त्यौहार की तैयारी कई लोग एक महीने पहले से ही करना शुरू कर देते हैं. लोगों को होली के त्यौहार का इतना उत्साह होता है कि लोग अलग-अलग प्रकार की मिठाइयां बनाते हैं. लोग इस दिन गुजिया बेहद मन से बनाते भी है और खाते भी है. बच्चों में होली खेलने की लहर दौड़ती है. इस दिन बच्चे हो या बूढ़े बेहद खुश होते हैं. इस दिन लोग नए-नए कपड़े खरीदते हैं एक-दूसरे को रंग लगाते हैं.