- by Vinti Mishra
- 09-Aug-2022
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चमोली: उत्तराखंड के पहाड़ों से व्यवस्थाओं पर सवाल उठाने वाली एक और खबर आई है. लामबगड़ में बद्रीनाथ नेशनल हाईवे ठप हो जाने के कारण एक व्यक्ति की जान इलाज न मिलने के कारण चली गई. देश के अंतिम गांव माणा से एक मरीज़ को 108 एंबुलेंस की मदद से जोशीमठ लाया जा रहा था, लेकिन लामबगड़ के पास मार्ग बंद होने से एंबुलेंस नाला पार नहीं कर पाई. ऐसे में मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी, उसे खटिया पर SDRF ने रास्ता पार करवाने में मदद भी की थी, लेकिन इस पूरी कवायद में देर हो गई और मरीज़ ने अस्पताल पहुंचने से पहले एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया.
इस घटनाक्रम से बद्रीनाथ धाम में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खुल गई है. मौके पर मौजूद SDRF की टीम ने मरीज को हाईवे पर नाला पार कराने के बाद जोशीमठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने में मदद की थी. माणा गांव के रहने वाले गब्बर सिंह बडवाल को अचानक माइनर अटैक पड़ गया था, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी. उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया था और तभी रास्ते में अटकने और देर हो जाने पर एंबुलेंस में ही बडवाल की मौत हृदय गति रुकने से हो गई.
इससे पहले परिजनों ने आनन-फानन में मरीज को 108 की मदद से अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की लेकिन मार्ग बाधित होने से मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही उत्तरकाशी ज़िले से खबर आई थी कि एक गर्भवती को एंबुलेंस समय से न मिल पाने के कारण वह समय से अस्पताल नहीं पहुंच सकी थी और उसकी मौत हो गई थी. आज शुक्रवार को बद्रीनाथ से समय से इलाज न मिल पाने के कारण मौत की खबर से पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवालिया निशान लग रहा है.