Monday, June 5, 2023

तनाव से मिलेगी मुक्ति



तनाव के बगैर जिंदगी की कल्पना नहीं की जा सकती है। आज के इस आधुनिक जिंदगी में हर इंसान के पास तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी बीमारियां जन्म ले रही है। तनाव जैसी तकलीफें जिनके बारे में पहले शायद ही कोई बात करता था, आज देखा जा रहा है कि लग-भग हर घर में तनाव ग्रसित व्यक्ति मौजुद है। किसी को ऑफिस का तनाव है, तो किसी को पैसे और नौकरी की चिंता है। ये परेशानियां आपका मानसिक स्ट्रेस बढ़ा रही हैं। ज्यादा सोचने, टेंशन लेने, तनाव, स्ट्रेस के कारण दिमाग पर बुरा असर पड़ता है, जिससे आप डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं। अक्सर हम भी जिंदगी की मूलभूत जरुरतों को पूरा करने के लिए तनाव में रहते हैं, इस परेशानी पर अब अंकुश लगाने का समय आ गया है।

परिस्थिति को बदलें

  • तनाव पैदा करने वाले कारकों से बचे।
  • तनाव पैदा करने वाले कारकों को बदलें।

अपनी प्रतिक्रिया में बदलाव लाएं

  • तनाव पैदा करने वाले कारकों के मुताबिक अनुकूलित हो जाएं।
  • तनाव पैदा करने वाले कारकों को स्वीकार कर लें।

व्यायाम से पड़ेगा असर
अगर आप मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं, तो एक्सरसाइज करने की आदत डालें। नियमित रूप से व्यायाम करने के कई लाभ हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि व्यायाम से मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ता है, एक्सरसाइज मूड और तनाव की स्थिति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। साथ ही एंडोर्फिन शरीर में फील-गुड हार्मोन को रिलीज करता है।

दिनचर्या बनाएं

यदि आप अपने शरीर और मस्तिष्क को शांत करना चाहते हैं, तो सोने से कम से कम एक घंटे पहले आराम करें। अपने स्मार्टफोन को नीचे रखें उसमें वक्त नहीं बिताएं। गर्म पानी से नहाएं, किताब पढ़े, म्यूजिक सुने और ध्यान करें। मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ये सभी आदतें बहुत प्रभावी साबित हो सकती है।

जिन चीज़ों को बदल न सकें उसे स्वीकार करना सीखें

तनाव के कुछ स्रोत अनिवार्य होते हैं। ऐसे कारकों से आप बच नहीं सकते या आप उन्हें बदल भी नहीं सकते, जैसे किसी परिजन की मृत्यु, कोई गंभीर बीमारी, या कोई राष्ट्रीय मंदी। ऐसी स्थिति में उपजे तनाव से उबरने का सबसे अच्छा तरीका है चीजों को उसी रूप में स्वीकार कर लेना। भले ही स्वीकार करना कठिन होगा पर दीर्घकालिक रूप से उस परिस्थिति के विरोध में खड़ा होना जिसे आप बदल नहीं सकते, के मुकाबले यह अधिक आसान और फ़ायदेमंद होगा।

  • नियंत्रण न हो सकने वाली चीज़ों पर नियंत्रण करने का प्रयास न करें। जीवन में कई चीज़ें नियंत्रण से बाहर होती है- खासकर अन्य लोगों के व्यवहार। उनसे परेशान होकर तनाव लेने बेहतर होगा कि आप ऐसी चीज़ों पर अपना ध्यान केंद्रित करें जिन्हें आप अपने नियंत्रण में ला सकते हैं, जैसे कि ऐसा तरीका जिसे आप समस्याओं से निपटने के लिए चुनते हैं।
  • सदैव आगे की ओर देखें। कहते हैं: “जो हमें मार नहीं सकता, वह हमें मजबूत बनाता है।” बड़ी चुनौतियों से मुकाबला करते समय आप उन्हें अपने निजी अनुभव के एक मौके के रूप में देखें। यदि आपका गलत चयन आपको तनाव का शिकार बना डालता है, तो आप उनपर विचार करें और अपनी गलतियों से सीखें।
  • अपनी भावनाओं को बांटें: भरोसेमंद लोगों से बात करें या किसी थेरॉपिस्ट से परामर्श प्राप्त करें। यदि आपनी भावनाओं को दूसरों को बताते हैं, तो भले ही आप उसे बदल न सकें पर इससे आप हल्का महसूस करेंगे।
  • माफ करना सीखें: इस तथ्य को स्वीकार करें कि हम एक हम एक अधूरी दुनिया में जी रहे हैं, जहां लोग बार-बार गलतियां करते हैं। क्रोध और नाराजगी को मन से बाहर निकालें। दूसरों को माफ कर आप अपनी नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त होते हैं और जीवन में आगे की ओर बढ़ते हैं। यदि आप नियमित रूप से मस्ती और आराम के लिए समय निकालते रहेंगे तो आप तनाव के कारणों से बखूबी निपट सकेंगे।

 

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