- by Anamika Samrat
- 04-Jun-2023
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न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में 2019 में दो मस्जिदों में 51 लोगों की हत्या करने वाले ब्रेंटन टॉरेंट (Brenton Tarrant) को अदालत ने बिना पैरोल के उम्रकैद की सजा सुनाई है। टैरेंट ने इस हत्या के समय इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की थी, जिससे पूरी दुनिया में दहशत फैल सके। उसके इन खतरनाक कामों को देखते हुए उसे जज ने सनकी और जानवर तक कह दिया। न्यूजीलैंड में मौत की सजा पर रोक है, इसीलिए उसकी आगे की जिंदगी जेल में बीतेगी।
सुनवाई के दौरान टैरंट बिना हिले-डुले बैठा रहा और अपने खिलाफ गवाहों के बयानों को सुनता रहा। हमले में कुल 91 लोग इसके गवाह थे और उन्होंने अपने लोगों को गंवाने को लेकर कोर्ट में बेहद ही मार्मिक बयान दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार इस शख्स की वजह से उनके अपनों को उनकी आंखों के सामने ही मार दिया गया।
ब्रेंटन टॉरेंट (Brenton Tarrant) को 51 लोगों की हत्या का गुनहगार पाया गया। 40 लोगों की हत्या की कोशिशों के लिए भी उसे दोषी ठहराया गया है। ब्रेंटन टॉरेंट को लगातार चार दिनों तक चली सुनवाई के बाद सजा सुनाई गई है।
न्यूजीलैंड के इतिहास में सबसे बड़े आतंकवादी हमले को अंजाम देने वाला ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ब्रेंटन टॉरेंट (Brenton Tarrant) ने कहा कि वो क्राइस्टचर्च (Christchurch) की दोनों बड़ी मस्जिदों को तबाह कर देना चाहता था और उसने इसीलिए नमाज के समय को चुना था, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वो निशाना बना सके। टॉरेंट ने अपनी सजा की सुनवाई के दौरान ये बात बताई थी।
इस घटना ने मुस्लिम समुदाय के साथ पूरे विश्व को झकझोर दिया था, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय और स्थानीय लोगों ने इस कुकृत्य पर आक्रोश प्रकट किया था।