- by Anamika Samrat
- 04-Jun-2023
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रिपोर्ट: प्रदीप शर्मा, मेरठ
मेरठ में डीएम दफ्तर से निलंबित कर्मचारी लोगों के बैंकखातों में सेंधमारी कर फ्रॉड करता था. सस्पेंड कर्मचारी मनोज सागर दूसरों के खातों से फर्जी तरीके से कैश निकालता था. मंगलवार को कर्मचारी दोबारा एसबीआई में पैसा निकालने पहुंचा. तो पकड़ में आ गया, बैंक अफसरों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया.
दरअसल पूरा मामला लालकुर्ती क्षेत्र वैस्टर्न कचहरी रोड स्थित एक बैंक में फर्जी तरीके से नकदी निकालने पहुंचे एक नटवर लाल को बैंककर्मियों ने पकड़ लिया. सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने कई एटीएम कार्ड, चेक बुक आदि बरामद किये हैं.
मनोज जो मीठेपुर इंचौली का रहने वाला है, वेस्टर्न कचहरी रोड स्थित एसबीआई बैंक में नकदी निकालने पहुंचा. युवक ने बैंक कैशियर को विनोद शर्मा नाम के व्यक्ति के खाते की एक स्लिप पकड़ाकर कहा कि कैश दे दो. कैशियर को युवक पर कुछ शक हुआ. युवक से उसका नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम मनोज कुमार सागर बताया. उसी वक्त विनोद भी बैंक में पहुंच गया. ज्यादा पूछताछ के बाद बैंककर्मियों को जब युवक पर ज्यादा शक हुआ तो उन्होंने थाना लालकुर्ती पुलिस को सूचना दी. सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को हिरासत में लेकर थाना लालकुर्ती ले आई. पुलिस ने पकड़े गये युवक से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना नाम मनोज कुमार सागर निवासी ग्राम मीठेपुर इंचौली बताया. उसने बताया कि वह डीएम आफिस से सस्पेंड चपरासी है. उसके पास डीएफ दफ्तर का फोर्थ क्लास का आईकार्ड भी मिला है. पूछताछ में बताया कि वो 12 साल पहले चपरासी था.
पुलिस ने मनोज के कब्जे से बैंक चैक बुक, दर्जनों एटीएम कार्ड, आईडीएफसी बैंक के 5 वर्क व 31 चेक, मोबाइल व नशे के इंजेक्शन बरामद किये हैं. मनोज ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया वह बैंक में रेकी कर लोगों के हस्ताक्षर चोरी करके उनके फर्जी हस्ताक्षर से रुपया निकाल लेता था. अब भी वह यही काम कर रहा था. पुलिस ने जांच में पाया कि उस पर विभिन्न थानों में 8 मुकदमे दर्ज हैं.