- by Anamika Samrat
- 04-Jun-2023
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रिपोर्ट: प्रदीप शर्मा, मेरठ
मेरठ में 20 मई को गाजियाबाद की एक महिला मीनू की लाश मिली थी. मीनू को मेरठ से गाजियाबाद के बीच चलती कार में गला रेतकर मारा गया था. फिर शव को सड़क किनारे फेंक दिया. शव की पहचान हो सके, इसके लिए मोबाइल और आधार कार्ड भी वहीं रख दिया. मामले का पुलिस ने खुलासा करने का दावा किया है. पुलिस के अनुसार लड़की की हत्या उसके ब्वायफ्रेंड के पिता मनोज और भाई अरुण ने की थी. पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि भाई फरार है.
पुलिस ने बताया, लड़की शादीशुदा थी, इसलिए वह बेटे से उसका साथ छुड़ाना चाहता था. बेटे से लड़की का मिलना-जुलना पसंद नहीं था. दोनों को कई बार समझाया, लेकिन दोनों मानने को तैयार नहीं थे. इसलिए पिता ने अपने दूसरे बेटे के साथ मिलकर लड़की को मारने का प्लान बनाया.
आधार कार्ड और मोबाइल से पहचान, फिर पुलिस घर तक पहुंची
मेरठ के हस्तिनापुर में भद्रकाली चौकी के पास नहर पटरी के किनारे मिली लड़की की पहचान आधार कार्ड से गाजियाबाद के सर्वोदयनगर में रहने वाली मीनू के रूप में हुई. छानबीन में मीनू की ससुराल टीपीनगर थाना क्षेत्र पूठा मेरठ में पता चली.
मीनू की शादी परतापुर के इंद्रापुरम में लवली से हुई थी. पुलिस ने परिजनों को महिला की लाश मिलने की सूचना दी. पुलिस को मीनू के मोबाइल में ऑडियो रिकार्डिंग मिले थे. कॉल डिटेल और रिकार्डिंग के अनुसार पता चला कि मीनू छोटे लोन दिलाने का काम करती थी.
पति लवली से अलग रहती थी मीनू
पुलिस ने पूरे मामले की तफ्तीश की तो पता चला कि मीनू काफी समय से पति से अलग रह रही थी. दोनों में विवाद था. पति से अलग रहकर मीनू आधार कार्ड से लोन दिलाने का काम करती थी. लोन के काम में अर्जुन मदद करने लगा. अर्जुन मीनू के साथ काम करता था. साथ काम करते-करते अर्जुन और मीनू में अफेयर हो गया.
जांच में पता चला कि 4-5 महीने पहले मीनू और उसके पति लवली का झगड़ा हुआ था. इस झगड़े में अर्जुन भी बीच में आ गया. झगड़े में लवली को चोटें आईं, अर्जुन के पैर की हड्डी में भी चोट लगी थी. अर्जुन के पैर में अब तक प्लास्टर चढ़ा है, वो आज भी बिस्तर पर है. उसका इलाज चल रहा है.
अर्जुन के घरवालों ने किया विरोध
पुलिस पूछताछ में मनोज ने बताया, "अर्जुन का अफेयर शादीशुदा महिला था. मीनू ने अपने पति तो छोड़ दिया था. मीनू के कारण अर्जुन अपने काम और घर-परिवार को दरकिनार कर रहा था. मैंने इसका विरोध किया, लेकिन अर्जुन ने किसी की बात नहीं मानी. अर्जुन, मीनू की बढ़ती नजदीकी के कारण मेरे घरवाले मीनू से नफरत करने लगे."
मनोज ने बताया, "मीनू अक्सर अर्जुन के साथ घर आती-जाती थी. यह देखकर मुझे और अरुण को गुस्सा आता था. कई बार अर्जुन को समझाया कि मीनू को छोड़ दे, लेकिन वो नहीं माना. मीनू से कहा कि अर्जुन की जिंदगी से चली जाए, लेकिन वो भी नहीं मानी. इसके बाद अरुण के साथ मिलकर मीनू की हत्या का प्लान बनाया."
आरोपी ने बताया, "मीनू को मंदिर ले जाने के बहाने हत्या करने की योजना बनाई. मीनू से कहा कि अर्जुन का पैर ठीक कराने के लिए देवी मंदिर में पूजा करना है. हस्तिनापुर में मां भद्रकाली मंदिर है. वहां हर मुराद पूरी होती है. तीनों वहां चलकर पूजा करके आएंगे, ताकि अर्जुन ठीक हो जाए. इस बात पर मीनू मंदिर जाने को राजी हो गई."
मनोज ने कहा, "हम लोग मीनू की हत्या कर लाश को नहर में फेंक सकते थे. लेकिन शव नहीं मिलता तो अर्जुन मीनू को खोजने के लिए परेशान रहता. योजना बनाई कि शव बेटे के सामने रखना है. इसलिए मीनू की लाश सड़क किनारे फेंकी. शव की पहचान के लिए आधार कार्ड और मोबाइल भी वहीं छोड़ दिया."
एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि अर्जुन के पिता, भाई ने मीनू को स्विफ्ट डिजायर गाड़ी में बैठाया और हस्तिनापुर भद्रकाली मंदिर पहुंचे. पूजा कर प्रसाद चढ़ाने के बाद जब लौटने लगे तो चलती गाड़ी में ही मीनू की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी. हत्या कर शव को नहर पटरी के किनारे फेंक दिया. घर पहुंचकर गाड़ी को गंगा कॉलोनी में खड़ा कर दिया.
जांच पड़ताल और सबूतों के आधार पर अर्जुन के पिता मनोज को लल्लापुरा नई बस्ती में उसके घर से अरेस्ट किया. मनोज की निशानदेही पर घटना में शामिल गाड़ी स्विफ्ट डिजायर भी बरामद कर ली. गाड़ी के अन्दर से पायदान के नीचे से चाकू और खून के धब्बे मिले हैं. जबकि बेटा अरुण फरार हो गया. पुलिस उसे खोज रही है. मनोज को जेल भेजने की तैयारी है.