मसूरी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में हुई मूसलाधार बारिश ने कहर बरपाया। भूस्खलन से मसूरी देहरादून मार्ग बंद हो गया, पुल टूटने से दोनों शहरों का संपर्क पूरी तरह कट गया। करीब 2000 पर्यटक तीन दिनों तक फंसे रहे, लेकिन स्थानीय लोगों और प्रशासन ने मिलकर संकट को राहत में बदला दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मंत्री गणेश जोशी खुद मौके पर पहुंचे। क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर 48 घंटे में बेली ब्रिज तैयार कर दिया गया, जिससे हल्के वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। एसडीएम राहुल आनंद ने बताया कि तकनीकी दिक्कतों के बावजूद पुल चालू है और लगातार निगरानी की जा रही है। लोक निर्माण विभाग सड़क से मलबा हटाने में जुटा है। सरकार की प्राथमिकता है फंसे पर्यटकों को सकुशल गंतव्य तक पहुंचाना।
मसूरी में करीब 2000 से अधिक पर्यटक फंसे रह गए। सड़कों पर मलबा और पुल टूटने से ना वाहन चल सके, ना लोग निकल सके। हालांकि इस संकट की घड़ी में स्थानीय लोगों ने पर्यटकों के लिए भोजन, पानी और आश्रय की व्यवस्था कर मिसाल पेश की। एक पर्यटक ने बताया, “हम तीन दिन से फंसे थे, लेकिन स्थानीय लोग हमारे लिए फरिश्ते बनकर आए।”