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अब 4 नही 10 लाख चाहिए... पत्नी हसीन जहां की शमी से डिमांड, SC ने जारी किया नोटिस

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को क्रिकेटर मोहम्मद शमी को उनसे अलग रह रही पत्नी द्वारा दायर एक याचिका पर नोटिस जारी किया। नोटिस में पत्नी और उनकी नाबालिग बेटी को दिए गए अंतरिम भरण-पोषण को बढ़ाने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा एक जुलाई और 25 अगस्त को पारित दो आदेशों को चुनौती देने वाली शमी की पत्नी की याचिका पर इस क्रिकेटर से जवाब मांगा है।

उच्च न्यायालय ने शमी द्वारा अपनी पत्नी के लिए प्रति माह 1.50 लाख रुपये और उनकी बेटी के लिए प्रति माह 2.50 लाख रुपये का अंतरिम भरण-पोषण बढ़ा दिया था, जबकि क्रिकेटर को आठ मासिक किस्तों में बकाया चुकाने की अनुमति दी थी।

उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में शमी की पत्नी ने तर्क दिया है कि क्रिकेटर की वित्तीय स्थिति और जीवनशैली को देखते हुए प्रदान की गई राशि ‘काफी कम’ है। उन्होंने अपने लिए प्रति माह सात लाख रुपये और अपनी बेटी के लिए तीन लाख रुपये के मासिक भरण-पोषण की मांग की है।

याचिका में बताया गया है कि 2021-22 के लिए शमी के आयकर रिटर्न (आईटीआर) में घोषित वार्षिक आय लगभग 48 करोड़ रुपये थी जबकि उन्हें ‘दयनीय परिस्थितियों’ में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है, यहां तक कि बुनियादी खर्चों को पूरा करने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।

शमी ने अप्रैल 2014 में शादी की थी। शमी की पत्नी ने 2018 में कोलकाता के जादवपुर पुलिस स्टेशन में घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसके बाद क्रिकेटर के खिलाफ आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर किया गया था।

उन्होंने बाद में उन्होंने अंतरिम भरण-पोषण की मांग करते हुए घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम के तहत अदालत का रुख किया। इस अदालत ने शुरू में बच्चे के लिए प्रति माह 80,000 रुपये मंजूर किए थे लेकिन शमी की पत्नी को भरण-पोषण देने से इनकार कर दिया था।

इसके खिलाफ उनकी अपील पर सत्र अदालत ने 2023 में उन्हें 50,000 रुपये और बच्चे को 80,000 रुपये प्रतिमाह देने का फैसला सुनाया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपने एक जुलाई के आदेश के माध्यम से इन राशियों को क्रमशः 1.5 लाख रुपये और 2.5 लाख रुपये तक और बढ़ा दिया था।

अदालत ने 25 अगस्त के आदेश ने शमी को बकाया राशि को किस्तों में चुकाने की अनुमति दी थी। वरिष्ठ अधिवक्ता शोभा गुप्ता क्रिकेटर की अलग रह रही पत्नी की ओर से अदालत में पेश हुई थी।