Indigo: नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने संकटग्रस्त इंडिगो को रविवार सात दिसंबर की रात आठ बजे तक अपनी रद्द और बाधित उड़ानों के सभी रिफंड देने का निर्देश दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू द्वारा एक्स पर पोस्ट की गई एक विज्ञप्ति में मंत्रालय ने एयरलाइनों को उन यात्रियों से कोई पुनर्निर्धारण शुल्क न लेने का भी निर्देश दिया है जिनकी यात्राएं उड़ानों के रद्द होने से प्रभावित हुई हैं। इसने स्पष्ट किया कि रिफंड प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी या पालन न करने पर तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इंडिगो की देश के लगभग दो-तिहाई घरेलू उड़ानों में हिस्सेदारी है और आम तौर पर प्रतिदिन लगभग 2,300 उड़ानें संचालित करती है। उसने शुक्रवार को 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी। इससे देश भर के प्रमुख हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी मच गई, निराश यात्री अपडेट के लिए इधर-उधर भटकते रहे और अपना सामान ढूंढ़ते रहे। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला और कई मार्गों के हवाई किराए में भी भारी वृद्धि हुई।
ये संकट तब शुरू हुआ जब इंडिगो नए पायलट उड़ान-समय नियमों की योजना बनाने में विफल रही। इंडिगो को यात्री सहायता और धनवापसी सुविधा प्रकोष्ठ स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। इन प्रकोष्ठों को प्रभावित यात्रियों से सक्रिय रूप से संपर्क करने और ये सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि धनवापसी और वैकल्पिक यात्रा व्यवस्थाएं बिना किसी रुकावट के पूरी हो जाएं।
आगे कहा गया है कि स्वचालित धनवापसी की प्रक्रिया परिचालन पूरी तरह से स्थिर होने तक सक्रिय रहेगी। मंत्रालय ने इंडिगो को ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रद्दीकरण या देरी के कारण यात्रियों के लापता सभी सामान का पता लगाया जाए और अगले 48 घंटों के भीतर यात्री के आवासीय या चुने हुए पते पर पहुंचा दिया जाए।
एयरलाइंस को ट्रैकिंग और डिलीवरी की समय-सीमा के बारे में यात्रियों के साथ स्पष्ट संवाद बनाए रखने और मौजूदा यात्री अधिकार नियमों के तहत आवश्यकतानुसार मुआवजा देने के लिए कहा गया है।