Putin: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत और रूस के बीच साझेदारी शांति, स्थिरता और पारस्परिक सामाजिक-आर्थिक एवं तकनीकी प्रगति के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर आधारित है। मुर्मू दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित भोज में बोल रही थीं। राष्ट्रपति पुतिन और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए, उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ, जिसकी स्थापना अक्टूबर 2000 में राष्ट्रपति के रूप में उनकी पहली यात्रा के दौरान हुई थी।
मुर्मू ने भारत-रूस विशेष व विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के प्रति राष्ट्रपति पुतिन के समर्थन और व्यक्तिगत प्रतिबद्धता की सराहना की। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि “हमारी साझेदारी शांति, स्थिरता और पारस्परिक सामाजिक-आर्थिक एवं तकनीकी प्रगति के प्रति साझा प्रतिबद्धता द्वारा निर्देशित है।”
मुर्मू ने कहा कि वर्ष 2025 भारत-रूस बहुआयामी साझेदारी के लिए विशेष रूप से फलदायी रहा है, जिसमें उच्च-स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान, व्यापार और अर्थव्यवस्था, रक्षा, असैन्य परमाणु सहयोग, अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच जीवंत आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
राष्ट्रपति ने भारत और रूस के लोगों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संवाद को भी याद किया, जिसमें प्राचीन व्यापार मार्गों से लेकर महात्मा गांधी और लियो टॉल्स्टॉय के बीच पत्रों के माध्यम से प्रेरक पत्राचार और एक-दूसरे की समृद्ध सांस्कृतिक, साहित्यिक और कलात्मक विरासत के लिए पारस्परिक प्रशंसा शामिल है।
बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों देशों के बीच वर्षों से अटूट मित्रता आने वाले कई वर्षों तक और भी प्रगाढ़ होती रहेगी, राष्ट्रपति भवन में पुतिन का औपचारिक स्वागत किया गया और तीनों सेनाओं द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वह चार वर्षों में अपनी पहली भारत यात्रा पर आए थे, मुर्मू ने कहा कि 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन का संयुक्त वक्तव्य उनके संबंधों की विशेष प्रकृति को दर्शाता है और द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करता है।
इस भोज में उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए, भारत और रूस ने शुक्रवार को वाशिंगटन की दंडात्मक टैरिफ और प्रतिबंधों की व्यवस्था के मद्देनजर आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए एक पंचवर्षीय योजना पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन को बताया कि यूक्रेन में युद्ध को शांतिपूर्ण तरीकों से समाप्त किया जाना चाहिए।
वैश्विक ध्यान आकर्षित करने वाली अपनी शिखर वार्ता के बाद मोदी और पुतिन ने आठ दशक से अधिक पुरानी भारत-रूस मित्रता को नई गति प्रदान करने की अपनी इच्छा प्रदर्शित की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद यह मित्रता “ध्रुव तारे” की तरह अडिग बनी हुई है।
2030 के आर्थिक कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के अलावा, दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य, गतिशीलता और प्रवासन, खाद्य सुरक्षा, नौवहन और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। अपनी शिखर वार्ता में, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम और मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल में हुए आतंकवादी हमलों की भी निंदा की और आतंकवाद के प्रति “शून्य सहिष्णुता” नीति की पुरज़ोर वकालत की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बताया कि “रूसी राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ जिसकी स्थापना अक्टूबर 2000 में राष्ट्रपति के रूप में उनकी पहली यात्रा के दौरान हुई थी। हमारी साझेदारी शांति, स्थिरता और पारस्परिक सामाजिक-आर्थिक एवं तकनीकी प्रगति के प्रति साझा प्रतिबद्धता से प्रेरित है।
वर्ष 2025 विशेष रूप से भारत-रूस बहुआयामी साझेदारी के लिए यह फलदायी है, जिसमें उच्च स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान, व्यापार और अर्थव्यवस्था, रक्षा, असैन्य परमाणु सहयोग, अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच जीवंत आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है”